महाराष्ट्र में लॉकडाउन एक जून तक बढ़ा। राजस्थान भी तैयार। राजस्थान में 28 दिन बाद भी लॉकडाउन का असर नहीं।
राजस्थान में निजी अस्पताल खुद लगाए ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट। सरकार ने आदेश निकाल कर पाबंद किया।
सीएम गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत ने जोधपुर के लिए गुजरात से मंगाए ऑक्सीजन सिलेंडर।
13 मई को महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बन गया है जो लॉकडाउन को खींचकर एक जून तक ले गया है। महाराष्ट्र में लॉकडाउन की अवधि 15 मई को समाप्त हो रही थी, लेकिन दो दिन पहले ही सरकार ने लॉकडाउन को एक जून तक लागू रखने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि पिछले एक महीने के लॉकडाउन के परिणाम अच्छे रहे हैं। लॉकडाउन से मुंबई सहित प्रदेशभर में कोरोना संक्रमण को रोकने में मदद मिली है। मुख्यमंत्री के इस निर्णय का कांग्रेस ने भी समर्थन किया है। महाराष्ट्र में शिवसेना गठबंधन की सरकार कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से चल रही है। मालूम हो कि राजस्थान में लॉकडाउन 25 मई तक लगा हुआ है। राजस्थान में भी लॉकडाउन को लागू हुए 28 दिन हो गए, लेकिन अभी तक कोरोना संक्रमण को कम नहीं किया जा सकता है। 16 अप्रैल को जब लॉकडाउन लागू किया था, तब संक्रमित मरीजों की संख्या 6 हजार प्रतिदिन थी और आज 16 हजार प्रतिदिन से ज्यादा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में औसतन 150 संक्रमित व्यक्तियों की मौत हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण फेलने से हालात बेकाबू हो गए हैं,इसलिए सरकार को दोषपूर्ण परिणाम देने वाले रैपिड एंटीजन टेस्ट करने को मजबूर होना पड़ा है। प्रदेशवासियों को उम्मीद थी कि 24 मई को लॉकडाउन में राहत मिल जाएगी, लेकिन संक्रमण की स्थिति को देखते हुए जाहिर है कि राजस्थान में भी लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले ही कह चुके हैं कि यूरोप के कई देशों में 6 माह तक लॉकडाउन रहा है। एक और कोरोना ग्रामीण क्षेत्रों में फैल गया है तो सरकारी अस्पतालों में अब चिकित्सा सुविधाएं कम पड़ने लगी है। हालात इतने खराब है कि ऑक्सीजन के अभाव में संक्रमित व्यक्ति दम तोड़ रहे हैं। ऑक्सीजन नहीं है, इसलिए मरीजों को विलम्ब से भर्ती किया जा रहा है। एक ओर संक्रमण पर नियंत्रण नहीं हो रहा है तो दूसरी ओर लॉकडाउन से छोटे बड़े दुकानदारों का बुरा हाल है। सरकार ने औद्योगिक इकाइयों को छूट दी है, लेकिन जब बाजार में माल ही नहीं बिकेगा, तब उत्पादन करने से क्या फायदा? कोरोना की मार को व्यापारी और उद्योगपति पिछले एक वर्ष से झेल रहा है। शायद ही कोई उद्यमी होगा जो अपने बूते पर उत्पादन करता रहे एक माह से दुकानें बंद होने से छोटे व्यापारियों के सामने तो दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया है। अभी तक भी राज्य सरकार ने कोई आर्थिक पैकेज की घोषणा नहीं की है। व्यापारियों को बंद दुकानों के बिजली के बिल का भी भुगतान करना पड़ रहा है।
खुद लगाए ऑक्सीजन प्लांट:
कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए अब राजस्थान सरकार ने एक आदेश निकाल कर प्रदेश भर के निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने के लिए पाबंद किया है। सरकार के आदेश में कहा गया है कि निजी अस्पतालों को अगले दो माह में प्लांट स्थापित करना होगा। आदेश में कहा गया है कि जिन निजी अस्पतालों की बेड की क्षमता 60 से अधिक उन्हें 50 प्रतिशत बेड पर सेंट्रलाइज ऑक्सीजन पाइप लाइन बिछानी है तथा चौबीस घंटे ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था करनी है।
जोधपुर के लिए गुजरात से आए ऑक्सीजन सिलेंडर:
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत ने अपने गृह जिले जोधपुर के लिए गुजरात से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाए हैं। वैभव गहलोत ने बताया कि पहले चरण में 110 ऑक्सीजन सिलेंडर मांग कर जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल को दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि गुजरात से ऑक्सीजन के सिलेंडर और मंगाने के लिए एक वाहन का इंतजाम भी किया गया है। सिलेंडरों के खाली होने पर भरे हुए सिलेंडर तत्काल मंगवाए जाएंगे।