क्या होता अगर भारत वैक्सीन ना बना पाता ??
भारत यदि वैक्सीन नहीं बना पाता तो निश्चित रुप से विदेशी वैक्सीन की कीमत 2 हज़ार रूपये से कम नहीं होने वाली थी।
अमेरिका हमें दो सौ रू. के हार्ट स्टेंट को पचास हजार में देता आया है।
यानी विदेशी दवा कंपनियों के भारत से 4 लाख करोड़ रु. लूटने की मंशा धराशाई हो जाने पर अब ये कंपनियाँ बौखलाकर नए-नए पैंतरों से भारत को नीचा और असफल बताने के प्रपंच में लग गई है।
भारत के कुछ नासमझ जलती चिताओं की तस्वीरें अमेरिकी अखबारों में छपवाकर अपने आप को धन्य समझ रहे हैं पर शायद उन्हें ये पता नहीं है कि न्यूयार्क जैसे शहर में 700 लाशें डीप फ्रीजर में अंतिम संस्कार के इंतजार में महीनों तक पड़ी रहीं ।
बहरहाल अब भारत ने दुनिया को सबसे बड़ा झटका कोरोना की दवाई 2DG बनाकर दे दिया है।
कोई कितना भी षड़यंत्र करें कर्मठता की हमेशा जीत ही होती है।
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