Vande Bharat Trial: वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल आज से, कोटा-लाखेरी के बीच दौड़ेगी
Vande Bharat Trial: वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल आज से, कोटा-लाखेरी के बीच दौड़ेगी

Vande Bharat Train: वंदे भारत ट्रेन में आई खराबी, नहीं हुआ ट्रॉयल

Vande Bharat Train:  वंदे भारत ट्रेन में आई खराबी, नहीं हुआ ट्रॉयल

Rail News: कोटा। ट्रॉयल (परीक्षण) के पहले ही दिन वंदे भारत ट्रेन में तकनीकि खराबी आ गई। इसके चलते रविवार को इस ट्रेन का ट्रॉयल नहीं हो सका। सोमवार को इस खराबी हो दूर किया जाएगा। इसके बाद मंगलवार से इस ट्रेन का ट्रॉयल फिर से शुरु हो सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि ट्रॉयल के लिए ट्रेन अपने निर्धारित समय सुबह 8.30 बजे कोटा से रवाना हुई थी। गुडला से लाखेरी तक इस ट्रेन का ट्रॉयल शुरु होना था। ट्रॉयल के लिए रवाना होते ही जिस ब्रेकिंग सिस्टम की जांच की जानी थी उसी में खराबी आने लग गई। रास्ते में ट्रेन रोककर इस खराबी को दूर भी करने की कौशिश की गई। लेकिन सफलता नहीं मिलने ट्रेन बिना ट्रॉयल के ही सुबह 10.30 बजे लाखेरी पहुंची। यहां भी इस खराबी को दूर करने का प्रयास किया गया। लेकिन काफी प्रयास के बाद भी यह खराबी दूर नहीं हो सकी। बाद में करीब ढाई बजे बाद यह ट्रेन बिना ट्रॉयल के ही वापस कोटा के लिए रवाना हो गई।
आज करेंगे खराबी दूर
अधिकारियों ने बताया कि ब्रेकिंग सिस्टम में कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगे हुए हैं। यह उपकरण हैदराबाद की एक निजी कंपनी द्वारा सप्लाई किए गए थे। ऐसे में दिल्ली और हैदराबाद से रेलवे और कंपनी के अधिकारी बुलवाए गए हैं। मामले की सूचना तुरंत देने से देर रात तक यह अधिकारी कोटा पहुंच भी चुके हैं। अब यह अधिकारी पूरे मामले की जांच कर ब्रेकिंग सिस्टम के उपकरणों की खराबी दूर करने का प्रयास करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि ट्रॉयल के दौरान भी कंपनी के अधिकारी ट्रेन में मौजूद थे। लेकिन इनसे यह खराबी दूर नहीं हो सकी।
कोटा मंडल में होना है ट्रॉयल
उल्लेखनीय है कि इस वंदे भारत के इस अपटेड पहले रैक का ट्रॉयल कोटा रेल मंडल के सवाईमाधोपुर और नागदा रेल खंड में होना है। इस ट्रेन में खास तौर पर आपातकालिन ब्रेकिंग सिस्टम और कपलर सिस्टम में कुछ बदलाव किया गया है। ट्रॉयल के लिए जांच के लिए इसी के ट्रॉयल के लिए यह ट्रेन शुक्रवार को कोटा आई थी। यह ट्रॉयल 4 अगस्त तक चलना है। लेकिन ट्रेन में खराबी के चलते यह समय अब आगे भी बढ़ सकता है। गौरतलब है कि ट्रेन का ट्रॉयल लखनऊ स्थित अनुसंधान अभिकल्प मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा किया जा रहा है।