कोटा के पास गुड़ला में मालगाड़ी बैपटरी, आधा दर्जन ट्रेनें अटकीं

मालगाड़ी बैपटरी: आधा दर्जन ट्रेनें अटकीं

कोटा के पास गुड़ला में मालगाड़ी बैपटरी, आधा दर्जन ट्रेनें अटकीं

Rail News:  कोटा रेलवे स्टेशन से करीब 6 किलोमीटर दूर गुड़ला स्टेशन के पास मंगलवार को एक मालगाड़ी पटरी से उतर गई। इस घटना के चलते करीब चार घंटे तक रेल संचालन प्रभावित रहा। इस दौरान करीब आधा दर्जन ट्रेनें लेट हो गईं। ट्रेनें लेट होने से हजारों यात्री परेशान होते रहे। फिलहाल घटना के कारणों का पता नहीं चला है। कोटा मंडल रेल प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। सूचना पर कई कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। कई अधिकारियों ने कोटा कंट्रोल रूम में मोर्चा संभाला। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि यह कार आदि वाहनों का परिवहन करने वाली मालगाड़ी थी। यह मुंबई की तरफ से आई यह मालगाड़ी दिल्ली की ओर जा रही थी। कोटा से रवाना होने के बाद इस मालगाड़ी को गुड़ला स्टेशन पर लाइन नंबर पांच पर रोका गया था। बाद में यहां से रवाना होकर यह मालगाड़ी पाइंट से होते हुए मुख्य लाइन पर जा रही थी। इसी दौरान शाम करीब 5.10 बजे इस मालगाड़ी के इंजन के पिछे दो डिब्बे पाइंट पर अचानक पटरी से उतर गए। डिब्बे गिरते ही मालगाड़ी मौके पर खड़ी हो गई। इस घटना में इंजन के ठीक पीछे वाले के दो और इसके पीछे वाले डिब्बे का एक व्हील सेट बेपटरी हुआ।
कोटा से गई दुर्घटना राहत ट्रेन
घटना की सूचना मिलते ही कोटा मंडल अधिकारियों में हड़कंप मच गया। तुरत-फुरत में हूटर बजाया गया। हूटर बजते ही शाम करीब 6 बजे कोटा से दुर्घटना राहत ट्रेन (एआरटी) गुड़ला के लिए रवाना हुई। इसके बाद एआरटी की मदद से दोनों डिब्बों को पटरी से हटाकर एक तरफ रखा गया। फिर बाकि डिब्बों को इंजन से जोड़कर रात करीब 8.30 बजे मालगाड़ी को आगे ले जाकर लूप लाइन में खड़ा किया।
पाइंट की हो सकती है खराबी
फिलहाल घटना के कारणों का पता नहीं चला है। मामले की जांच के लिए प्रशासन ने वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी विनोद मीणा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही डिब्बे गिरने के सही कारणों का पता चल सकेगा। लेकिन माना जा रहा रहा है पाइंट या फिर डिब्बों की खराबी के चलते भी यह घटना हो सकती है।
गिट्टियों में धंसे पहिए
घटना कितनी गंभीर थी इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है मालगाड़ी के गिरे डिब्बों के पहिएं पूरे गिट्टियों में धंस गए। इसके चलते राहत कार्य में थोड़ा समय अधिक लगा। हालांकि इस घटना में किसी जनहानी की बात समाने नहीं आई है, लेकिन डिब्बे और पटरियों को काफी नुकसान हुआ। डिब्बे हटने के बाद पटरियों की मरम्मत कर रेल संचालन शुरु किया गया। लूप लाइन से चलने के कारण मालगाड़ी की रफ्तार धीमी थी, इसके चलते और अधिक डिब्बे गिरने से बच गए। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।
कोटा के पास गुड़ला में मालगाड़ी बैपटरी, आधा दर्जन ट्रेनें अटकीं
कोटा के पास गुड़ला में मालगाड़ी बैपटरी, आधा दर्जन ट्रेनें अटकीं
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कोटा में घंटो खड़ी रहीं ट्रेनें
इस घटना के चलते कई ट्रेनें घंटो देरी से चलीं। इनमें कोटा-श्रीगंगानगर (22981) तीन घंटे, बांद्रा-हरिद्वार देहरादून (19019), कोटा-देहरादून नंदा देवी (12401) डेढ घंटा, कोटा-पटना (13240) साढ़े तीन घंटे तथा हिसार-मुंबई दुरंतो (12240) करीब पौन घंटा देरी से चलीं। इनमें से कुछ ट्रेनें कोटा में और कुछ रास्ते में खड़ी रहीं। नंदा देवी को अप लाइन से निकाला गया।
वंदे भारत ट्रॉयल के समय हुई घटना
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब कोटा मंडल में सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत का ट्रॉयल चल रहा है। इन दिनों यह ट्रॉयल गुड़ला लाखेरी के बीच ही चल रहा है। आलांकि यह ट्रॉयल अप लाइन पर चल रहा है और घटना डाउन लाइन पर हुई है। लेकिन ट्रॉयल के समय ऐसी घटना समाने आना गंभीर माना जा रहा है। अधिकारियों द्वारा इसे संरक्षा में गभीर चूक माना जा रहा है, चाहे वह किसी भी स्तर हुई हो।
इस घटना को और भी गंभीर इसलिए भी माना जा रहा है कि जुलाई में ही करीब एक दर्जन रेल दुर्घटनाओं के मामले सामने आ चुके हैं। मंगलवार को भी झारखंड में हावड़ा-मुंबई एक्सप्रेस के 18 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस घटना में तीन यात्रियों की मौत और 20 से अधिक घायल होने की सूचना है।