Indian Railways:
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Railway: रेल परियोजनाओं का घटाया बजट, काम में हो सकती है और देरी

Railway: रेल परियोजनाओं का घटाया बजट, रामगंजमंडी-भोपाल के कम हुए 128 करोड़, काम में हो सकती है और देरी

Rail News:  केंद्र सरकार ने कई रेल परियोजनाओं में 2024-25 के बजट में कटौती की है। फरवरी में जारी अंतरिम बजट की राशि को जुलाई में घोषित अंतिम बजट में कम कर दिया गया है। इसका खुलासा पिछले दिनों जारी रेलवे की पिंक बुक में हुआ है।
रामगंजमंडी-भोपाल रेल परियोजना के बजट में से 128 करोड़ रुपए की कटौती की गई है। अंतरिम बजट में इस रेल परियोजना को कुल 650 करोड़ रुपए मिले थे। इस तरह इस परियोजना से करीब 20 प्रतिशत राशि की कटौती की गई है।
अजमेर-कोटा-जालिंद्री का पूरा बजट गायब
इसके अलावा सबसे ज्यादा कटौती अजमेर-कोटा-नसीराबाद-जालिंद्री नई रेल लाइन परियोजना में की गई है। इस परियोजना की 99.98 प्रतिशत तक राशी काट ली गई है। इस परियोजना को अंतरिम बजट में 50 करोड़ रुपए मिले थे। अंतिम बजट में इससे से लगभग पूरी राशि करीब 49 करोड़ 99 लाख रुपए की कटौती कर दी है। इसके चलते अब इस रेल परियोजना का भविष्य अंधकारमय हो गया है।
जयपुर-सवाईमाधोपुर दोहरीकरण भी अटका
इसके अलावा जयपुर-सवाईमाधोपुर दोहरीकरण परियोजना की 70 प्रतिशत तक राशि काट ली है। अंतरिम रेल बजट में इस परियोजना को 100 करोड़ रुपए मिले थे। अब 30 करोड़ रुपए मिलेंगे।
इसी तरह सवाईमाधोपुर बायपास लाइन में से भी 81.25 प्रतिशत बजट कटौती है। अंतरिम बजट में मिले इस परियोजना को 160 करोड़ में से 130 करोड़ रुपए कम कर दिए हैं।
इसके अलावा अजमेर-चित्तौडग़ढ़ दोहरीकरण को मिले 105 करोड़ में से 75 करोड़ रुपए काट लिए हैं। यह कुल राशि का करीब 71.5 प्रतिशत है।
अजमेर-चौथ का बरवाड़ा का भी पूरा बजट गायब
इसी तरह अजमेर-नसीराबाद-चौथ का बरवाड़ा नई रेल लाइन परियोजना का भी लगभग पूरा बजट काट लिया है। इस परियोजना को मिले 100 करोड़ में से 99 करोड़ 97 लाख रुपए काट लिए हैं। काटी गई राशि करीब 99.97 प्रतिशत है।
इसके अलावा पुष्कर-मेड़ता सिटी नई रेल लाइन परियोजना को मिले 50 करोड़ में से करीब 25 करोड रुपए काट लिए हैं।
इसी तरह रतलाम-बांसवाड़ा-डूंगरपुर नई रेल लाइन परियोजना के घोषित 150 करोड़ में से 75 करोड़ करोड़ की कटौती की है। लगभग 50 प्रतिशत है। इसके अलावा अन्य परियोजनाओं में से भी बजट कटौती की बात सामने आ रही है।
अगले साल दिसंबर तक पूरी होनी है योजना
गौरतलब है कि रामगंजमंडी-भोपाल रेल परियोजना को दिसंबर-2025 तक पूरी करने का लक्ष्य है। पिछले करीब 20 सालों से रेंग रही कुल 262 किलोमीटर लंबी इस रेल परियोजना में से अभी तक रामगंजमंडी से अकलेरा तक मात्र 75 किलोमीटर का काम ही पूरा हुआ है। काम में देरी के चलते इस परियोजना को प्रधानमंत्री फास्ट्रेक योजना में शामिल किया गया था। इसके बाद भी इस परियोजना से बजट में कटौती का कारण समझ से परे है।
इस परियोजना में करीब 165 किलोमीटर रामगंजमंडी से ब्यावरा तक का काम कोटा रेल मंडल द्वारा किया जा रहा है। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि कोटा रेल मंडल के लगभग सभी टेंडर पूरे हो चुके हैं। इसके चलते बजट कटौती से इस परियोजना पर कोई विशेष फर्क पडऩे की उम्मीद बहुत कम है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का ड्रीम प्रोजेक्ट माने जाने वाली इस परियोजना का समय किसी ना किसी कारण से लगातार आगे बढ़ता रहा है।
अभी अकलेरा तक चल रही ट्रेन
अभी अकलेरा तक ही ट्रेनों का संचालन हो रहा है। 12 मार्च को ही जूनाखेडा और झालावाड़ ट्रेन का विस्तार अकलेरा तक किया गया था। हालांकि सीआरएस ने घाटोली और नयागांव तक ट्रेन चलाने की अनुमति दे रखी है।
नयागांव के बाद खिलचीपुर, राजगढ नृहसिंहपुरा तथा ब्यावरा तक काम तेजी से चल रहा है। ब्यावरा तक 165 किलोमीटर में से नया गांव तक करीब सौ किलोमीटर तक काम पूरा हो चुका है। 65 किलोमीटर का काम और बाकी है। इसके आगे का करीब 111 किलोमीटर का काम भोपाल मंडल द्वारा किया जा रहा है।