Railway: कोटा स्टेशन पर वर्ल्ड क्लास की सजा भुगत रहे यात्री, प्लेटफार्म नंबर दो से हटाया पूरा टीन शेड़, बारिश में भीग रहे यात्री
Railway: कोटा स्टेशन पर वर्ल्ड क्लास की सजा भुगत रहे यात्री, प्लेटफार्म नंबर दो से हटाया पूरा टीन शेड़, बारिश में भीग रहे यात्री

Railway: कोटा स्टेशन पर वर्ल्ड क्लास की सजा भुगत रहे यात्री, प्लेटफार्म नंबर दो से हटाया पूरा टीन शेड़, बारिश में भीग रहे यात्री

Railway: कोटा स्टेशन पर वर्ल्ड क्लास की सजा भुगत रहे यात्री, प्लेटफार्म नंबर दो से हटाया पूरा टीन शेड़, बारिश में भीग रहे यात्री

कोटा। वर्ल्ड क्लास सुविधाओं का लाभ उठाने सेे पहले यात्री कोटा रेलवे स्टेशन पर सजा भुगतने के लिए मजबूर हो रहे हैं। पहले प्लेटफार्म पर चद्दर लगाकर गैलरी से आने-जाने की परेशानी के बाद यात्री अब बारिश में भीग रहे हैं। काम के चलते रेलवे ने प्लेटफार्म नंबर दो से पूरा टीन शेड हटवा दिया है। टीन शेड हटवाने से यात्रियोंं को पूरे प्लेटफार्म पर कहीं भी बारिश से बचने के लिए जगह नहीं बची है। यहां पर पुलिया के नीचे खड़े होकर यात्री जैसे-तैसे अपने आप को और सामान को बारिश से बचाने की असफल कौशिश करते नजर आ रहे हैं। यात्रियों की संख्या के मुकाबले यहां जगह कम होने पर कई मुसिफिर भीग रहे हैं। इसके अलावा ट्रेन में चढ़ते और उतरते समय भी यात्री भीग रहे हैं। निर्माण सामग्री और बारिश के चलते यात्रियों को प्लेटफार्म पर गिरने और फिसलने का खतरा बना हुआ है।
वेंडर भी परेशानी ,
बारिश से स्टॉल और ट्रॉली वेंडर भी परेशान हो रहे हैं। अपने खाने पीने के सामान को बचाने के लिए वेंडरों ने तिरपाल से ट्रॉलियों को ढक रखा है। लेकिन वह खुद भिगते हुए सामान बेच रहे हैं। वेंडरों ने बताया कि बारिश और नमी के चलते उनका सामान खराब हो रहा है।
कुछ दिन रुक सकते थे
यात्रियों ने बताया कि मौसम विभाग द्वारा पिछले कई दिनों से इस समय तेज और मुसलाधार बारीश की लगातार चेतावनी दी जा रही है। इसके बाद भी रेलवे ने प्लेटफार्म से एक साथ पूरा टीन शेड हटवा दिया। आधा-आधा टीन शेड हटवाकर यह काम किया जा सकता था। या बारिश में कुछ दिन और रुककर टीन शेड हटवाया जा सकता था। इससे यात्री और उनका सामान तो भीगने से बच जाता।
धीमे काम का खामियाजा
अमृत भारत योजना के तहत कोटा स्टेशन पुनर्विकास कार्य का काम धीमी रफ्तार से चल रह है। इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। करीब 207.63 करोड़ रुपए की लागत का यह काम पछले 22 महिने में करीब 50 प्रतिशत ही पूरा हुआ है। इस काम को अगले साल अप्रेल तक पूरा करने का लक्ष्य है। लेकिन रफ्तार को देखते हुए तय समय में यह काम पूरा होना मुश्किल लग रहा है। इसका मतलब यात्रियों की परेशानी भी जल्द ही समाप्त नहीं होंगी।
यह हो रहे काम
स्टेशन के 6765 वर्गमीटर में 2 आगमन और एक प्रस्थान ब्लॉक, वीआईपी लाउन्ज, वेटिंग रूम, फुड प्लाजा, कियोस्क, प्लेटफार्म नंबर 1 और 3 को जोडऩे की 2100 वर्गमीटर में कॉनकोर्स एरिया, 8 लिफ्ट एवं 14 एस्कलेटर, दिब्यांगो के लिए सुविधा, पार्किंग, नए सीसीटीवी कैमरे तथा सौर ऊर्जा और जल सरंक्षण के कार्य किए जा रहे हैं।