राजधानी चालक और लोको निरीक्षक निलंबित, 30 की जगह 130 से ट्रेन दौड़ाने का मामला

राजधानी चालक और लोको निरीक्षक निलंबित, 30 की जगह 130 से ट्रेन दौड़ाने का मामला
कोटा। राजधानी ट्रेन को 30 की जगह 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ाने के मामले में रेलवे ने प्रथम दृष्टया चालक राकेश भार्गव और शशि पाल तथा मुख लोको निरीक्षक योगेंद्र कुमार शर्मा को दोषी माना है। इसके चलते कोटा रेल मंडल अधिकारियों ने तीनों को निलंबित कर दिया है। इन तीनों को जांच के लिए सोमवार को आगरा बुलाया गया है। निलंबन के बाद तीनों को निजामुद्दीन से बिना ड्यूटी कराए स्पेयर के रूप कोटा बुलाया था।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि शनिवार को मथुरा-निजामुद्दीन के बीच स्थित होडल स्टेशन पर रेल पटरियों के रखरखाव का काम चल रहा था। इसके चलते यहां ट्रेनों की गति पर प्रतिबंध लगाया हुआ था। ट्रेनों को 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने के आदेश थे।
इसके बावजूद त्रिवेंद्रम- निजामुद्दीन राजधानी एक्सप्रेस (02431) के चालक राकेश और शशि तथा लोको निरीक्षक योगेंद्र ट्रेन को 30 की जगह 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ते ले गए। इस घटना से राजधानी ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बची थी।
मामला सामने आने के बाद कोटा और आगरा रेल मंडल में हड़कंप मच गया था। आगरा रेल मंडल द्वारा मामले की जांच के आदेश दिए गए थे।
गायब मिली थी फ्लॉपी
इस घटना के बाद इंजन से फ्लॉपी भी गायब मिली थी। इसकी जगह दूसरी फ्लॉपी लगी मिली थी। गौरतलब है कि फ्लॉपी लगाने और निकालने की चाबी लोको निरीक्षक के पास होती है।
उल्लेखनीय है कि फ्लॉपी में ट्रेन की रफ्तार रिकॉर्ड होती है। हालांकि इंजन में लगी एक चिप में भी ट्रेन की रफ्तार रिकॉर्ड होती है। इसके अलावा मथुरा-निजामुद्दीन के बीच डाटा लोगर आदि उपकरण लगे हुए हैं। इसमें भी ट्रेन की रफ्तार रिकॉर्ड होती है। होडल स्टेशन पर लगे ऐसे ही एक उपकरण में राजधानी की रफ्तार औसत 85 किलोमीटर प्रति घंटा आने की जानकारी सामने आई है।