दोषी टीटीइयों पर नहीं होती कार्रवाई, एक टीटीई का दो महीने पहले भी आया था अवैध वसूली का मामला
कोटा। न्यूज. कोटा रेल मंडल प्रशासन दोषी टीटीइयों के खिलाफ कार्रवाई में गंभीर नजर नहीं आता। इसी का नतीजा है कि टीटीई बार-बार अवैध कमाई करने से नहीं चूक रहे।
विजिलेंस द्वारा पकड़े गए तीन में से एक टीटीई का दो महीने पहले भी अवैध वसूली का मामला सामने आया था। लेकिन 2 महीने बाद भी टीटीई के खिलाफ कोई कार्रवाई की बात सामने नहीं आई है। संभवत यही कारण रहा की टीटीई 2 महीने बाद फिर अवैध वसूली करता पकड़ा गया। मामले में खास बात यह है कि इस टीटीई के पास रकम भी सबसे ज्यादा मिली है।
यह है मामला
तलवंडी निवासी अभिषेक ने 15 जून को ट्वीट कर शिकायत की थी कि एक टीटीई ने जुर्माने के रूप में उससे 700 रुपए वसूल लिए। मांगने के बाद भी टीटीई ने उसे इसकी कोई रसीद नहीं दी। अभिषेक ने बताया था कि उसके पास जयपुर-कोयंबटूर ट्रेन का टिकट था। लेकिन गलती से वह अजमेर-जबलपुर दयोदय ट्रेन में बैठ गया था। इस पर टीटी ने जुर्माने के रूप में एक हजार रुपए की मांग कर उससे 700 वसूले थे। लेकिन टीटीई ने इसकी कोई रसीद उसे नहीं दी। इसके बाद उसने ट्वीट कर इसकी शिकायत की थी।
इस शिकायत के बाद हालांकि वाणिज्य विभाग द्वारा मामले की जांच की औपचारिकता निभाई गई थी। लेकिन बात इससे आगे नहीं बढ़ी। शिकायतकर्ता के सामने नहीं आने की बात कहते हुए अधिकारियों ने मामले को रफा-दफा कर दिया। जबकि रेलवे के पास यात्री के मोबाइल और पीएनआर नंबर भी मौजूद थे।
नियम विरुद्ध कर रहा था ड्यूटी
सूत्रों ने बताया कि घटना वाले रोज यह टीटीई नियम विरुद्ध तरीके से ड्यूटी कर रहा था। सबसे जूनियर होने के बाद भी इस टीटीई की ड्यूटी वातानुकूल कोच में लगाई गई थी। सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा भी कई टीटीई नियम विरुद्ध टूटी कर रहे हैं। रोस्टर से अलग अपने चहेतों को मनपसंद गाड़ियों में भेजा जा रहा है। इस मामले में विजिलेंस द्वारा पहले भी रोस्टर जब किया जा चुका है लेकिन मामले में अब तक सुधार नहीं आया है।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को रेलवे बोर्ड की विजिलेंस ने कोटा-निजामुद्दीन जनशताब्दी ट्रेन में छापामार कार्रवाई कर तीन टीटीइयों को यात्रियों से अवैध वसूली करते पकड़ा था। विजिलेंस को ट्रेन में करीब 50 यात्री बिना टिकट मिले थे।
बुधवार को यह मामला पूरे मंडल में कर्मचारियों के बीच चर्चा का विषय बना रहा। लोग चटकारे लेकर एक दूसरे को वाणिज्य विभाग के कारनामे सुना रहे थे। मामला सामने आने पर भड़के अधिकारी भी दोषी टीटीइयों से पूछताछ करते नजर आए।