केबीसी में भाग लेना पांडे को पड़ा भारी, रेलवे ने थमाई चार्ज शीट, रोकी 3 साल की वेतन वृद्धि
कोटा। कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) में भाग लेना देशबंधु पांडे को भारी पड़ गया। रेलवे ने पांडे को मेजर चार्ज शीट (आरोप-पत्र) एसएफ-11 थमाकर 3 साल की वेतन वृद्धि (इंक्रीमेंट) भी रोक दी है।
हालांकि रेलवे ने इस बात से इनकार करते हुए किसी और मामले में कार्रवाई की बात कही है।
सूत्रों ने बताया केबीसी में भाग लेने के लिए पांडे 9 से 13 अगस्त तक मुंबई में रहे थे। इसके लिए पांडे ने अधिकारियों से छुट्टी भी मांगी थी। लेकिन अधिकारियों द्वारा पांडे के आवेदन पर कोई विचार नहीं किया गया। इसके बाद पांडे बिना छुट्टी के ही केबीसी शुटिंग के लिए मुंबई रवाना हो गए।
लौटने पर थमाई चार्जशीट
शूटिंग के बाद पांडे वापस कोटा लौट आए। लेकिन यहां चार्ज शीट पहले ही उनका इंतजार कर रही थी। मुंबई से लौटने के बाद अधिकारियों ने 18 अगस्त पांडे को यह चार्जशीट थमा दी। साथ ही 3 साल के इंक्रीमेंट बंद करने के आदेश भी जारी कर दिए।
चार्जशीट मिलने और इंक्रीमेंट बंद होने के बाद पांडे की केबीसी में ईनाम जीतने की खुशी गायब हो गई। लोगों से बधाइयां ले रहा पांडे का परिवार भी तनाव में आ गया।
पांडे को नहीं मिला फायदा
रेलवे द्वारा कार्रवाई करने से पांडे का केबीसी में भाग लेना ज्यादा फायदेमंद नहीं रहा। पांडे को हर साल करीब 2 हजार रुपए का इंक्रीमेंट मिलता है। ऐसे में पांडे को पहले साल 24, दूसरे साल 48 और तीसरे साल करीब 72 हजार रुपए का नुकसान होगा। ऐसे में पांडे का तीन साल में करीब डेढ़ लाख रुपए का घाटा होना निश्चित है। केबीसी से पांडे को 3 लाख 20 हजार रुपए मिले हैं। इस राशि में से टैक्स भी कटेगा। ऐसे में केबीसी में भाग लेना पांडे के लिए आर्थिक रूप से ज्यादा लाभकारी नहीं रहा।
9 को ही तैयार कर ली थी चार्ज शीट
पांडे थमाई गई चार्ज शीट 9 अगस्त को तैयार कर ली गई थी। इस चार्ज शीट में लिखा है कि बिना अवकाश स्वीकृत कराए ही आप 9 से 13 अगस्त तक गायब रहे। आपका यह रवैया काम के प्रति लापरवाही दर्शाता है। ऐसे में आप पर कार्रवाई की जानी चाहिए। अधिकारियों ने इस चार्जशीट में पहले से ही 13 अगस्त तक का जिक्र कर दिया। यह तभी संभव है जब अधिकारियों को पता लो कि कर्मचारी 13 अगस्त तक नहीं आएगा। इसका मतलब है पांडे ने 13 अगस्त तक अवकाश मांगा था। जो उसे नहीं दिया गया।
पांडे ने नहीं दिया जवाब
इस संबंध में पांडे से बात करने की कोशिश की गई। लेकिन पांडे ने कोई जवाब नहीं दिया। सूत्रों ने बताया कि मामले में पांडे आगे अपील कर सकते हैं।
हालांकि कर्मचारी संगठन पांडे के प्रति रेलवे के इस रवैए से सहमत नहीं दिखे। कर्मचारी संगठनों ने कहा कि उचित कारण हो तो कार्मिकों को छुट्टी जरुर दी जानी चाहिए। केबीसी में भाग लेना ऐसा कारण नहीं है जिसके लिए रेलवे को छुट्टी देने में कोई आपत्ति हो। रेलवे को तो इस पर गर्व होना चाहिए। ताकि अन्य प्रतिभाएं भी प्रोत्साहित हो सके। इसके उलट अधिकारी सम्मान तो दूर चार्ज शीट थमा कर कर्मचारियों का मनोबल गिराने का काम कर रहे हैं। यह
कर्मचारी संगठनों ने बताया कि समय पर छुट्टी नहीं देने और अधिकारियों के ढुलमुल रवैया के कारण ही कई बार कर्मचारी जरूरी होने पर ड्यूटी से गायब हो जाते हैं या सिक कर देते हैं। ऐसे में अधिकारियों की कोई गलती सामने नहीं आती। बाद में कर्मचारियों को ही दोषी ठहराया जाता है।
संगठन पदाधिकारियों ने बताया कि यह पहला अवसर नहीं है जब किसी कर्मचारी ने केबीसी में भाग लिया हो। इससे पहले भी कई अधिकारी और कर्मचारी केबीसी में शामिल हो चुके हैं। रेलवे द्वारा इन सभी का सम्मान किया गया। यह संभवत पहला अवसर है जब सम्मान की जगह कर्मचारी को चार्जशीट थमाई गई हो।
किसी और मामले में थमाई चार्जशीट
यह मामला सामने आने के बाद रेलवे ने इन आरोपों को तथ्य से परे बताते हुए कहा कि पांडे को अन्य किसी विभागीय मामले में चार्जशीट और दंडित किया गया है।
हालांकि अपनी सफाई में रेलवे ने यह यह स्पष्ट नहीं किया यह अन्य मामले कौन से हैं।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि डीआरएम ऑफिस में भंडार विभाग में कार्यालय अधीक्षक पद पर तैनात पांडे ने पिछले दिनों केबीसी में भाग लिया था। पांडे का यह एपिसोड 26 और 27 अगस्त को प्रसारित हुआ था। इसमें पांडे ने 10 प्रश्नों का सही उत्तर देकर 3 लाख 20 हजार रुपए भी जीते हैं।