रेलवे में मचा हड़कंप, जनशताब्दी की 54 सीटें बिकने का मामला
कोटा। कोटा-निजामुद्दीन जनशताब्दी एक्सप्रेस (02059-60) में 54 सीटें बिकने का मामला सामने आने के बाद रेलवे में हड़कंप मचा हुआ है। मामले के लिए अधिकारी एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। अपने आप को बचाने की कोशिश में जुटे अधिकारी इसके लिए रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (क्रिस) को दोष दे रहे हैं। उच्च अधिकारी मामले की सच्चाई जानने में जुटे हुए हैं। इसकी जांच के लिए अधिकारी जनशताब्दी के समय शाम को स्टेशन भी पहुंचे। यहां को कोचों की जानकारी लेकर अधिकारियों तथ्य जुटाने की कोशिश की। कई यात्रियों की भी जांच की।
सामने आने के बाद यह मामला रेलवे बोर्ड और पश्चिम-मध्य रेलवे जबलपुर मुख्यालय तक पहुंच गया है।
इसके बाद हरकत में आए डीआरएम ने ट्विटर के माध्यम से बताया कि मामले से संबंधित विभाग को सूचित किया जा रहा है। कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।
पकड़े जा रहे थे बिना टिकट यात्री
54 सीटें अतिरिक्त होने के कारण जनशताब्दी ट्रेन में बड़ी संख्या में बिना टिकट यात्री पकड़े जा रहे थे। रेलवे बोर्ड विजिलेंस और रेलवे मजिस्ट्रेट ने यात्रियों को पकड़ा था। मामले में विजिलेंस ने कुछ टीटीइयों पर केस भी दर्ज किया था। इसके बाद भी अधिकारियों ने जनशताब्दी ट्रेन बड़ी संख्या में बिना टिकट यात्री चलने के कारणों की जांच कराना जरूरी नहीं समझा या जानबूझकर मामले की अनदेखी की गई। यही कारण रहा कि ट्रेन में बार-बार बिना टिकट यात्री पकड़े जाते रहे।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि जनशताब्दी के 3 नए कोचों में 54 सीटें अतिरिक्त हैं। कंप्यूटर में फीड नहीं होने के कारण इन सीटों पर आरक्षण नहीं होता है। वेटिंग के समय भी यह सीटें खाली ही रहती हैं। आपसी मिलीभगत कर इन सीटों को बेचा जा रहा है। यह सिलसिला करीब 6 महीने से लगातार चल रहा है। अधिकारियों की अनदेखी के चलते रेलवे को अब तक लाखों रुपए का चूना लग चुका है।