रीट परीक्षा स्पेशल अजमेर-भोपाल ट्रेन चली खाली, रेलवे को लगा 45 लाख का चूना, कोटा मंडल का कारनामा
कोटा। अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) के अभ्यर्थियों के लिए चलाई गई अजमेर-भोपाल ट्रेन पूरी तरह खाली रही। 22 कोच की इस ट्रेन में नाम मात्र के यात्री थे। कोटा से चंद यात्री सवार हुए थे। कुछ यात्री पीछे से भी आए थे। भोपाल से आते समय तो इस ट्रेन में मात्र दो ही यात्री सवार थे। यह दोनों भी परीक्षार्थी नहीं थे। इस ट्रेन के संचालन में रेलवे को करीब 45 लाख रुपए का चूना लगा है। ऐसे में इस ट्रेन के संचालन पर प्रश्न खड़े हो रहे हैं। हालांकि इस ट्रेन का संचालन भोपाल रेल मंडल द्वारा किया गया था। लेकिन इसका प्रस्ताव कोटा रेल मंडल द्वारा ही भेजा गया था। ऐसे में इसे कोटा रेल मंडल की दूरदर्शिता का परिणाम बताया जा रहा है।
चलने का समय ही गलत है
परीक्षार्थियों ने बताया कि रेलवे ने इस ट्रेन का चलने का समय गलत रखा था। रविवार को परीक्षा थी और इस ट्रेन को भी रविवार दोपहर 12:30 बजे भोपाल से रवाना किया गया था। ऐसे में इस ट्रेन में सफर करने वाले परीक्षार्थी दोनों पारियों में शामिल नहीं हो सकते थे। ऐसा ही समय अजमेर से चलने का रखा गया। परीक्षा समाप्त होने के बाद लगभग सभी परीक्षार्थी रविवार देर रात तक अपने घर रवाना हो गए थे। जबकि ट्रेन का संचालन अजमेर से सोमवार सुबह 5:55 बजे किया गया था। ऐसे में ट्रेन आते और जाते समय पूरी तरह खाली रही। अभ्यर्थियों ने बताया कि ट्रेन को बिना किसी ठोस योजना के आनन-फानन में गलत समय पर चला दिया गया।
अन्य ट्रेनों का भी रहा यही हाल
अभ्यर्थियों ने बताया कि रेलवे द्वारा चलाई अन्य ट्रेनों का भी लगभग यही हाल रहा। रेलवे को किसी भी परीक्षा स्पेशल ट्रेन में पर्याप्त यात्री भार नहीं मिला। अधिकांश ट्रेनें खाली गई। अभ्यर्थियों ने बताया कि ट्रेनों की घोषणा रेलवे द्वारा एन वक्त पर की गई थी। तब तक अधिकतर अभ्यर्थी अपने आने-जाने का प्रबंध कर चुके थे। इसके अलावा राजस्थान सरकार द्वारा बसों की निशुल्क व्यवस्था की गई थी। ट्रेनें में खाली जाने का यह भी एक बड़ा कारण रहा।
लगा चुके हैं करोड़ों का चूना
यह पहला मामला नहीं है जब कोटा रेल मंडल के अधिकारियों ने रेलवे को चूना लगाया हो। इससे पहले भी अधिकारी रेलवे को लाखों रुपए का चूना लगा चुके हैं। ताजा मामला जनशताब्दी ट्रेन में पिछले 6 महीने से रोजाना 108 सीटें खाली चलाकर अधिकारी रेलवे को लाखों रुपए का चूना लगा चुके हैं। इसके अलावा माल गोदाम से चोरी छुपे कोटा स्टोन भेजने तथा वाहन पार्किंग सहित कई टेंडरों में देरी कर अधिकारी पिछले 2 सालों में रेलवे को करोड़ों रुपए का चूना लगा चुका चुके हैं। मामले में खास बात यह है कि डांट-डपट के अलावा जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की बात सामने नहीं आई है।