रेलवे ने अशोक शर्मा गुट को दी मान्यता, भटनागर गुट कोर्ट जाने की तैयारी में

रेलवे ने अशोक शर्मा गुट को दी मान्यता, भटनागर गुट कोर्ट जाने की तैयारी में
कोटा। न्यूज़. वेस्ट-सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ में पिछले कई दिनों से जारी घमासान फिलहाल थमता नजर आ रहा है। रेलवे ने गुरुवार को एक पत्र जारी कर अशोक शर्मा गुट को मान्यता दे दी है। यह खबर आने के बाद अशोक शर्मा गुट में खुशी की लहर छा गई वहीं दूसरी ओर भटनागर गुट मायूस हो गया। हालांकि भटनागर गुट ने हार नहीं मानते हुए मामले को कोर्ट में ले जाने का मन बनाया है।
शर्मा बने रहेंगे महामंत्री
पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य कार्मिक अधिकारी अभय कुमार गुप्ता द्वारा जारी इस पत्र के अनुसार अशोक शर्मा संघ के जोनल महामंत्री और सीएम उपाध्याय अध्यक्ष बने रहेंगे। इसके अलावा कोटा मंडल सचिव पद पर अब्दुल खालिक सहित मंडल और जोनल के अन्य पदों पर शर्मा की लिस्ट में शामिल अन्य पदाधिकारी अपने पदों पर बने रहेंगे। हालांकि इस लिस्ट में कोटा मंडल अध्यक्ष जीपी यादव सहित कई पदाधिकारी भटनागर गुट के भी शामिल हैं। ऐसे में अब इनके पदों पर पर भी खतरा मंडरा गया है।
यह लिस्ट जारी होने के बाद कोटा मंडल सचिव प्रबोद बल्दुआ सहित भटनागर द्वारा नियुक्त अन्य पदाधिकारियों की नियुक्ति स्वतः ही रद्द हो गई है।
आज खुलेंगे ताले
इस आदेश के बाद मुख्यालय सहित मंडलों में संघ कार्यालय पर लगे ताले शुक्रवार को खुल जाएंगे और कामकाज पहले की तरह सुचारू होने की उम्मीद है।
यह आदेश आने के बाद शर्मा गुट के पदाधिकारी, समर्थक और कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर छा गई। आतिशबाजी, नारेबाजी, गुलाल उड़ा कर और ढोल की थाप पर नाच गाकर कर कार्यकर्ताओं ने अपनी खुशी का इजहार किया।
कोटा में भी रेलवे वर्कशॉप से लेकर से लेकर संघ के मंडल कार्यालय तक शर्मा गुट के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली। यहां पर कार्यकर्ता देर रात अपनी जीत का जश्न मनाते नजर आए। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने अब्दुल खालिक को फूल मालाओं से लाद दिया। इस मौके पर खालिक ने कहा कि सत्य की जीत हुई है। संघ हमेशा की तरह कर्मचारियों के हित में काम करता रहेगा। संकट के समय सहयोग के लिए खालिक ने रेल प्रशासन और संघ पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया।
कोर्ट में देंगे चुनौती
इस मामले में भटनागर गुट ने कहां की यह जल्दबाजी में लिया गया एक तरफा फैसला है। इस मामले को कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि इस मामले के शुरू से ही कोर्ट में जाने की अटकलें लगाई जा रही थी। इस मामले में विशेषज्ञ का भी कहना है कि कोर्ट जाए बिना इस मामले का स्थाई समाधान मुश्किल है।
20 दिनों से था गतिरोध
संघ में यह गतिरोध करीब 20 दिनों से जारी था। 7 अक्टूबर को जबलपुर में हुई संघ की एक बैठक में अशोक शर्मा गुट ने आरपी भटनागर और उनके पुत्र अमित को पहले निलंबित और बाद में संघ से निष्कासित कर दिया।
इसके बाद भटनागर ने भी अशोक शर्मा तथा अब्दुल खालिक सहित कई पदाधिकारियों को संग से निलंबित और निष्कासित कर दिया। इसके बाद दोनों गुटों ने नए पदाधिकारियों की नियुक्ति कर दी। इसके चलते दोनों गुटों में विवाद गहरा गया। मामला थाने तक भी जा पहुंचा। इसके बाद पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुख्यालय सहित कोटा मंडल में भी संघ कार्यालय पर ताले लगा दिए।
इसके बाद अशोक शर्मा मामले को जबलपुर रजिस्ट्रार ऑफिस ले गए। यहां अशोक शर्मा की लिस्ट को मंजूरी के बाद रेलवे ने भी इस पर अपनी मोहर लगा दी।