Indian Railways : हादसे के एक साल बाद रेलवे ने मानी गलती, बदली अंडरपास की गर्डर, खबर का असर

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Indian Railways : हादसे के एक साल बाद रेलवे ने मानी गलती, बदली अंडरपास की

गर्डर, खबर का असर

Kota Rail News : रेलवे ने आखिरकार एक साल बाद अपनी गलती मान ही ली। रेलवे ने कोटा-डकनिया डकनिया स्टेशन के बीच स्थित अंडरपास की गर्डर बदलने का निर्णय लिया है। रेलवे ने गर्डर बदलने का काम शुरू भी कर दिया है।
Indian Railways : हादसे के एक साल बाद रेलवे ने मानी गलती बदली अंडरपास की गर्डर खबर का असर
अधिकारियों ने बताया कि नई गर्डर ड्राइंग के अनुसार ही 20 मीटर 400 सेंटीमीटर की लगाई जा रही है। गर्डर को दो भागों में लाया गया है। मौके पर गर्डर के दोनों हिस्सों को जोड़ने का काम किया जा रहा है। इसके बाद गर्डर को अंडरपास पर रखा जाएगा। बाद में इस गर्डर के ऊपर रेल पटरी और नीचे सीमेंट कंक्रीट के बॉक्स रखे जाएंगे।
अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल एक ही गर्डर पहुंची है। दूसरी गर्डर के भी जल्द पहुंचने की उम्मीद है।
गर्डर पहुंचने के साथ एक साल से बंद अंडर पास का काम फिर से शुरू हो गया है।
पहले थी छोटी गर्डर
उल्लेखनीय है कि पहले यहां पर ड्राइंग के विपरीत 18 मीटर 90 सेंटीमीटर की गर्डर लगाई गई थी।
गत वर्ष 3 मई को यहां पर अंडर पास की मिट्टी ढहने से एक ट्रैक मैन वसीम की मौत हो गई थी तथा तीन-चार अन्य ट्रैकमैन घायल हो गए थे।
तब  नियम विरुद्ध तरीके से डाली गई छोटी गर्डर को भी मिट्टी ढहने का एक कारण बताया था। हालांकि तब अधिकारियों ने इस कारण को मानने से साफ इंकार कर दिया था। लेकिन ‘कोटा रेल न्यूज़’ द्वारा इस मुद्दे को लगातार उठाया जाता रहा।
रातों रात गायब किए गर्डर
इसके बाद प्रशासन ने पिछले दिनों रेल पटरियों सहित अंडरपास से निकलवाकर इन दोनों गर्डरों को गायब करवा दिया था। हालांकि तब भी अधिकारियों ने अपनी गलती नहीं मानी थी।
अधिकारियों ने गर्डर को अन्य जरूरी काम के लिए ले जाना बताया था। लेकिन इसके बाद यह गर्डर दोबारा मौके पर नहीं पहुंच सकी। इसके बाद से ही यहां पर नई गर्डर आने की अटकलें लगाई जा रही थीं।
यूआईटी द्वारा किया जा रहा है काम
उल्लेखनीय है कि इस अंडरपास का काम नगर विकास न्यास (यूआईटी) द्वारा किया जा रहा है। रेलवे द्वारा यहां पर सिर्फ संरक्षा संबंधित कार्य देखा जा रहा है।