एसीबी की कार्यवाही से राजस्थान के हेल्थ सिस्टम की पोल खुली। दलाल और डॉक्टरों की मिलीभगत से जब सरकारी अस्पताल के बेड बिक रहे हैं, तब सरकार की निगरानी कहां गई?
राजस्थान में भ्रष्टों को पकड़वाने के लिए मोबाइल नम्बर 9413502834 पर वाट्सएप संदेश दें या टोल फ्री नम्बर 1064 पर फोन करें।
आप राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा की एप्रोच लगाएंगे, तब भी जयपुर के सरकारी आरयूएचएस अस्पताल में भर्ती नहीं हो पाएंगे, क्योंकि मरीजों की भर्ती इलाज और फिर डिस्चार्ज के लिए वरिष्ठ चिकित्सकों की एक कमेटी बनी हुई है, लेकिन आपकी जेब में एक लाख रुपए हैं तो आप आसानी से आरयूएचएस अस्पताल में अपना इलाज करवा सकते हैं। 8 मई को एसीबी ने अशोक कुमार गुर्जर नाम के दलाल को गिरफ्तार किया है। अशोक गुर्जर आरयूएचएस अस्पताल के चिकित्सकों से मिलीभगत कर मरीजों को भर्ती कराया है। एसीबी को एक डॉक्टर मनीष के द्वारा 50 हजार रुपए लेने की पुष्टि भी हुई है। जबकि नरेन्द्र नाम के चिकित्सक के बारे में पड़ताल की जा रही है। अशोक ने रिश्वत लेने के बाद मरीजों को भर्ती भी करवाया है। एसीबी की इस कार्यवाही ने प्रदेश के हेल्थ सिस्टम की पोल खोल कर रख दी है। सवाल उठता है कि जब अस्पताल में भर्ती इलाज और डिस्चार्ज के लिए वरिष्ठ चिकित्सकों की कमेटी बनी हुई है तब अशोक गुर्जर जैसा दलाल एक लाख रुपए लेकर भर्ती कैसे करवा रहा है? जाहिर है कि अस्पतालों की कमेटियां सिर्फ खानापूर्ति हैं। निचले स्तर पर निगरानी का कोई काम नहीं हो रहा है। गत वर्ष तो संक्रमित होने के बाद भी चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने इसी आरयूएचएस कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया था, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में रघु शर्मा अभी तक इस अस्पताल का निरीक्षण करने नहीं आए हैं। एसीबी की इस कार्यवाही से भ्रष्ट लोगों में थोड़ी तो दहशत होगी। एसीबी ने सही मौके पर प्रभावी कार्यवाही की है। यदि यह जांच ऊपर तक जाएगी तो कई सफेद पोश चेहरों पर से नकाब उतर जाएगी। इस मामले को अंजाम तक पहुंचाने में एसीबी के बजरंग सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
एएसबी सूत्रों के अनुसार दलाल अशोक गुर्जर ने पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारी दी है। वहीं एसीबी के डीजी बीएल सोनी ने एक बार फिर लोगों से अपील की है कि भ्रष्ट कार्मिकों को पकड़वाने में जागरूकता दिखाएं। इसके लिए कोई भी व्यक्ति टोल फ्री नम्बर 1064 पर फोन कर सकता है तथा मोबाइल नम्बर 9413502834 पर वाट्सएप संदेश दे सकता है। सोनी ने कहा कि सूचना देने वाला का नाम पूरी तरह गुप्त रखा जाएगा।