रेलकर्मियों पर लंबित केस 15 से होंगे खत्म,वर्षो से लंबित केस
गंगापुर सिटी.
रेल कर्मचारियों पर वर्षो से लंबित केस 15 दिसंबर के बाद समाप्त हो जाएंगे। रेलवे बोर्ड द्वारा इसके आदेश जारी किए गए है। बंद होने वालों में विजिलेेंसऔर कानूनी केसों को शामिल नहीं किया गया है। बोर्ड के प्रिंसिपल एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर (ट्रांसफारमेशन)सुधीर कुमार ने अपने आदेश में कहा कि 6 महीन से बिना निष्कर्ष के फाइलों में धूल खा रहे छोटे -बड़़े केस 15 दिसंबर के बाद खत्म माने जाएगें।
इस नए आदेश से इन कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी। कर्मचारियों पर माइनरऔर मेजर पेनल्टी वाले कई केस वर्षो से लंबित है। इसके चलते सजा को लेकर कर्मचारियों में मानसिक तनाव बना रहता है। इससे कर्मचारियों का कार्य प्रभावित होता है। केस समाप्त होने से कर्मचारियों का पूरा ध्यान अपने काम पर रहेगा। इससे दुघर्टना की आशंका भी कम होगी। कई बार अधिकारी लंबित केंसों का हवाला देकर कर्मचारियों को अनाश्यक परेशान करते है। ऐसे में कई अधिकारी सजा का डर दिखाकर ऐसे कर्मचारियों से अनुचित काम भी करवाते है। इसके चलते कई अधिकारी लंबे समय तक केसों को पेंडिंग रखते है।260 के लंबित है केसआदेश में जिक्र किया गया है कि पश्चिम -मध्य सहित सभी रेलवे जोन में डिसीप्लनरी और अपील रूल (डी एंड एआर) के औसतन 185 मेजर ओर 85 माइनर पैनल्टीवाले केस वर्षो से लंबित है। मेजर पेनल्टी सीडव्ल्यूएम से रिव्यू करने कहा है। केस में निर्णय लेने की समय सीमा 6 महीने और माइनर पेनल्टी वाले केस की समय सीमा 3 महीने अधिकतम है। कोटा रेल मंडल में ही ऐसे 120 केस है। इनमें भी मेजर कम और माइनर केस अधिक है। रेल मंत्रालय ने सभी डीएंडएआर केसों का निष्कर्ष 15 दिसंबर तक निकालने को कहा कि इसके बाद भी केस खत्म करने के पहले जीएम/डीजी/डीआरएम /सीडब्ल्यूएम से रिव्यू करने कहा है।