मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना
अस्पतालों में मरीजों के सहयोग और जानकारी के लिये लगाये जायेंगे स्वास्थ्य समन्वयक
मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी श्रीमती अरूणा राजोरिया ने बताया कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में सम्बद्ध सभी निजी अस्पतालों में अब मरीजों के सहयोग के लिये स्वास्थ्य समन्वयक को लगाया जायेगा।
श्रीमती अरुणा राजोरिया ने बताया कि योजना में संबद्ध निजी अस्पतालों में 100 बैड तक के अस्पतालों के लिए एक तथा 100 से अधिक बेड वाले अस्पतालों में दो स्वास्थ्य समन्वयक नियुक्त किये जायेंगे। यह स्वास्थ्य समन्वयक अस्पताल में योजना के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर स्वास्थ्य मार्गदर्शक के साथ उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने बताया कि अस्पताल में योजना के लाभार्थी को होने वाली किसी भी समस्या का समाधान करने के लिये ये स्वास्थ्य समन्वयक उनकी मदद करेंगे।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी की ओर से ये स्वास्थ्य समन्वयक योजना में सम्बद्ध प्रत्येक निजी अस्पताल एवं योजना में केवल कोविड-19 के उपचार हेतु जिला कलक्टर द्वारा अधिकृत निजी अस्पताल में अपनी सेवाएं देंगे। इस कार्य हेतु जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिले में बनी जिला स्वास्थ्य समिति को अधिकृत किया गया है और विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं।
संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी श्री काना राम ने बताया कि इन स्वास्थ्य समन्वयक के अस्पतालों में लगने के बाद योजना के लाभार्थियों को बडी मदद मिलेगी। अस्पताल में पहुंचने के साथ ही लाभार्थी इन स्वास्थ्य समन्वयक के माध्यम से सॉफ्टवेयर में अपनी पहचान दर्ज कर पायेंगे। संबंधित अस्पताल में उपलब्ध/अनुमत पैकेज की जानकारी भी मरीज को इनके माध्यम से दी जायेगी। विभाग प्रत्येक लाभार्थी को योजना की मंशा के अनुरूप निःशुल्क उपचार दिलाने के लिए सजग और प्रयासरत है।
श्री काना राम ने बताया योजना की शुरुआत से अब तक 27 हजार से अधिक मरीजों को योजना के अन्तर्गत निःशुल्क इलाज से लाभान्वित किया जा चुका है। लगभग 27 करोड़ की राशि के 41 हजार से अधिक क्लेम बीमा कंपनी को अब तक सबमिट किए जा चुके हैं। कोरोना महामारी की पीक के दौरान भी योजना के लाभार्थियों को बड़ी राहत मिली है। अब तक 8 हजार से अधिक कोरोना उपचार के क्लेम सबमिट किए जा चुके हैं। योजना से अब तक प्रदेश के 749 सरकारी और 357 निजी अस्पताल जुड़ चुके हैं।
योजना के बेहतर क्रियान्वयन और परिवदेना के त्वरित निस्तारण के लिये प्रत्येक जोन के लिये एक नोडल अधिकारी आरएसएचएए की और से लगाया गया है। ये नोडल अधिकारी प्राप्त शिकायत के संबंध में अस्पताल और परिवादी से समन्वय कर राहत और निस्तारण का कार्य करते है।