डीम्ड फॉरेस्ट श्रेणी में क्षेत्र चयन के लिए बनेंगे वकिर्ंग ग्रुप
-तीन महीने में राज्य स्तरीय कमेटी को सौंपेंगे अपनी रिपोर्ट
जयपुर, 15 जून। सर्वोच्च न्यायालय के डीम्ड फॉरेस्ट के संबंध में पारित आदेश के अनुसरण में डीम्ड फॉरेस्ट श्रेणी के तहत सम्मिलित किए जाने वाले क्षेत्रों का चयन करने के लिए वकिर्ंग ग्रुप बनाए जाएंगे। यह निर्णय मंगलवार को प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कार्य योजना एवं वन बंदोबस्त) श्री राजीव कुमार गोयल की अध्यक्षता में आयोजित वर्चुअल बैठक में लिया गया।
बैठक में अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन सुरक्षा) श्री उदय शंकर द्वारा बताया गया कि सर्वोच्च न्यायालय के 3 जुलाई 2018 के आदेश अनुसरण में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कार्य योजना एवं वन बंदोबस्त) की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। कमेटी की ओर से ऎसे कमजोर वनस्पति, घास स्थल आदि विभिन्न पारिस्थितिकी तंत्र जिनमें वृक्षों की संख्या काफी कम हो लेकिन फिर भी ये क्षेत्र किसी न किसी जलवायु पारिस्थितिकी तंत्र का प्रतिनिधित्व करते हों, डीम्ड फॉरेस्ट की श्रेणी में सम्मिलित करने हेतु वकिर्ंग ग्रुप बनाने का निर्णय लिया गया है। आगामी तीन महीने में इन वकिर्ंग ग्रुपों द्वारा ऎसे स्थानों को चिन्हित करने के बाद सूचीबद्ध रिपोर्ट कमेटी के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।
बैठक में विशेष आमंत्रित विशेषज्ञ प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) डॉ. दीप नारायण पाण्डेय ने सुझाव दिया कि वकिर्ंग ग्रुप द्वारा ऎसे स्थानों को चिन्हित करते समय वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाया जाए। ऑब्जेक्टिव रहते हुए सूचनाएं एकत्रित की जाएं और इस संबंध में गठित कपूर कमेटी की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए चिन्हीकरण संबंधी कार्य पूर्ण किया जाए।
बैठक में देवस्थान विभाग के प्रतिनिधि, आफरी जोधपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जी. सिंह, काजरी से जयप्रकाश सिंह के अलावा मुख्य वन संरक्षक और उप वन संरक्षक भी मौजूद रहे।