जेके लॉन अस्पताल में 24 घन्टे के भीतर 9 नवजात बच्चो की मौत के मामले की सूचना मिलते ही जेके लॉन अस्पताल अधीक्षक ओर शिशु रोग के विभागाध्यक्ष से मिलकर पूरे प्रकरण की जानकारी लि।
पिछले वर्ष दिसम्बर में भी जेके लॉन अस्पताल नवजात बच्चो की मौत को लेकर पूरे भारत में सुर्खियो में रहा था नवजात बच्चो की मौत से पुरे भारत में मीडिया और आमजन की नाराजगी के 1 माह बाद मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री ने जो सक्रियता दिखाई थी वे अब लीपापोती लग रही है ओर अब दुबारा जेके लॉन में नवजात बच्चो की पुनरावृति हो रही है उस समय भी चिकित्सा मंत्री ने बच्चो की मौत संक्रमण के कारण होना बताया था और जेके लॉन अस्पताल में सुविधाओ के विस्तार के लिए कई घोषणाएं की थी लेकिन वे घोषणाएं पूरी नही हो सकी ।
उन्होने कहा कि अस्पताल में 130 बैडो के उपर तीन प्रोफेसर , 4 एसोसिएट प्रोफेसर होने चाहिये जबकि जेके लॉन में 240 बैड है लेकिन यहाँ पर केवल 1 प्रोफेसर व 1 एसोसिएट प्रोफेसर ही नियुक्त है। जिन प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर को पूर्व में लगाया गया था उनके तबादले चिकित्सा मंत्री जी ने मनमाने स्थान पर कर दिये।
सरकार जे.के लॉन अस्पताल को लेकर अभी भी गंभीर नही है। उन्होने आरोप लगाया की 240 नवजात बच्चो के एडमिशन के बावजूद अतिरिक्त चिकित्सक नियुक्त होने चाहिये थे लेकिन सरकार ने तो पूर्व में लगाये चिकित्सको को भी हटा दिया।
जेके लॉन अस्पताल हाड़ोती संभाग का बडा अस्पताल है जहाँ दूर दराज से गरीब उपचार की आशा में आता है लेकिन सुविधाओ के अभाव और लापरवाही के कारण उसे नवजात की जान गवानी पड़ती है। सरकार की उदासीनता के कारण जेके लॉन अस्पताल लापरवाही का सबब बन गया है।