सफलता की कहानी-झुंझुनूं
कोरोनाकाल में नौकरी छूटी तो खुद का उद्यम स्थापित किया
अब 4 लोगों को रोजगार दे रहे हैं सुमेर सिंह
जयपुर, 16 जून। राज्य सरकार ने ना केवल कोरोना काल में अपने बेहतरीन प्रबंधन से इस महामारी को नियंत्रित किया बल्कि इस महामारी के दौरान राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाएं पीड़ित लोगों को सहारा देने में भी सराहनीय कार्य किया है। इसकी बानगी झुंझुनूं जिले में देखने को मिली है जहां कोरोना लॉकडाउन की वजह से श्री सुमेर सिंह पुत्र मदन लाल, निवासी-वार्ड नं 24, समसपुर रोड़ की नौकरी छूट गई थी।
लेकिन श्री सुमेर सिंह इस दौरान भी हिम्मत से कार्य किया और वह आज अपने घर चलाने के साथ चार लोगों को रोजगार दे रहे है। इस दौरान उन्होंने उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक से सम्पर्क किया और कार्यालय में स्थापित एमआईएफसी में मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के बारे में जानकारी प्राप्त की। श्री सुमेर सिंह बताते हैं कि यहां से मुझे स्वयं का उद्यम शुरू करने की प्रेरणा मिली।
उन्होनें एमआईएफसी सेंटर के माध्यम से 10 लाख रुपये के ऋण हेतु कॉरपोरेशन बैंक झुन्झुनूं शखा में मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत मिठाई उद्योग के लिए आवेदन किया। बैंक द्वारा 9 लाख 50 हजार रुपये का ऋण स्वीकृत हुआ, जिस पर 8 फीसदी ब्याज अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा है। उसने इस राशि से उद्योग में काम आने वाली समस्त मशीनरी एवं उपकरण की खरीद कर अपना स्वयं का उद्यम स्थापित कर लिया है। इस योजना की वजह से आज ना केवल मैं रोजगारशील हूँ, बल्कि अन्य चार व्यक्तियों को भी रोजगार दे रहा हूं। आसपास के ग्रामीण इलाके एवं शहरी क्षेत्र में मेरे उद्योग ने अच्छी साख बना ली है। मेरा प्रतिमाह तीन से चार लाख रुपए का टर्न ओवर है और औसतन 15 हजार रूपए प्रतिमाह कमा रहा हूं।
गौरतलब है कि राज्य सरकार के उद्योग विभाग के अधीन जिलों कार्यरत जिला उद्योग केन्द्रों के माध्यम से क्रियान्वित इस योजना के तहत विनिर्माण, सेवा और व्यापार आधारित उद्यम के लिए ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। योजना के तहत 25 लाख रुपए के ऋण तक 8 फीसदी, 25 लाख से 5 करोड़ रुपए के ऋण तक 6 फीसदी और 5 से 10 करोड़ रुपए के ऋण पर 5 फीसदी ब्याज अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है।
श्री सुमेर सिंह ने इस योजना के माध्यम से उसके परिवार के साथ उनके द्वारा अन्य चार परिवारों को रोजगार देने के लिए राज्य सरकार की मुक्त कंठ से प्रशंसा करने के साथ बेरोजगार लोगों का आह्वान किया कि राज्य सरकार की ऎसी विभिन्न योजनाओं के माध्यम रोजगार के संसाधन प्राप्त कर अपने परिवार के साथ दूसरे परिवारों को भी सहारा देने के लिए आगे आये।