विशेष लेख-कोटा
संस्कृति एवं स्थापत्य कला का नायाब नमूना होगा चम्बल रिवर फ्रन्ट
शैक्षणिक एवं औद्योगिक नगरी के रूप में पहचान बना चुके कोटा शहर को आने वाले समय में देशभर में आधुनिक स्थापत्य एवं वास्तुकला के नायाब नमूने चम्बल रिवर फ्रन्ट के लिए भी जाना जायेगा। प्रदेश सरकार द्वारा 307 करोड़ की लागत से बनाये जा रहे चम्बल रिवर फ्रन्ट मेें राजस्थान की परम्परागत स्थापत्य कला में आधुनिकता का समावेश करते हुए 6 किलोमीटर लम्बे हैरिटेज रिवर फ्रन्ट का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें एक ही स्थान पर सम्पूर्ण प्रदेश की क्षेत्रीय स्थापत्य कला एवं चम्बल नदी के कलरव बहते जल में जलीय जीवों की अठखेलीयां पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र होगी।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा 17 अगस्त 2020 को वर्चुअल माध्यम से इस महत्वाकांक्षी परियोजना का शुभारम्भ किया गया था। प्रथम चरण में इस कार्य के तहत चम्बल नदी के दोनों किनारों पर सुरक्षा दीवार के साथ बगीचों, कैफे, कलात्मक छतरियों का निर्माण कराया जायेगा। प्रदेश में एक मात्र सदानीरा चम्बल नदी पर बनने जा रहे इस रिवर फ्रन्ट परियोजना के पूरा होते ही कोटा की बहुसंख्यक आबादी को हमेशा के लिए बाढ़ की समस्या से छुटकारा मिलेगा वहीं नदी के दोनों तरफ होने वाले मिट्टी के कटाव को रोका जा सकेगा। पर्यावरण की दृष्टि से यह परियोजना चम्बल नदी के जलीय जीव एवं वनस्पति के लिए भी वरदान का काम करेगी। इस परियोजना के पूरा होते ही चम्बल नदी में आवासीय क्षेत्रों से गिरने वाले नालों का पानी बन्द हो जायेगा जिससे नदी की स्वच्छता बनी रहेगी तथा जलीय जीव-जन्तु एवं वनस्पति को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा। पर्यावरण विभाग लम्बे अरसे से नदी में गिरते प्रदुषित नालों के पानी को डायवर्ट करने की दिशा में प्रयासरत था।
चम्बल रिवर फ्रन्ट के सपने को साकर करने वाले स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री श्री शांति धारीवाल कहते है कि ’चम्बल रिवर फ्रन्ट के पूरा होने से हाड़ौती में पर्यटन का नया केन्द्र विकसित होने जा रहा है। इसमें सम्पूर्ण राजस्थान की संस्कृति एवं स्थापत्य कला के समन्वय का एक ही स्थान पर बेहतरीन प्रदर्शन होगा तथा कोटा को पर्यटन मानचित्र पर प्रसिद्धि दिलायेगा।’’ इस परियोजना में 6 किलोमीटर लम्बे रिवर फ्रन्ट पर कई बाग-बगीचों का निर्माण, पर्यटकों के लिए कैफे, चम्बल नदी के कलरव बहते पानी में जलीय जीवों को नजदीक से निहारने के लिए पॉइंट विकसित किये जा रहे है।
नदी के किनारे पर प्रदेश के सभी अंचलों की संस्कृति व स्थापत्य कला का संगम जिसमें किले एवं महलों की प्रतिकृति दिखाई देगी तथा महान विभूतियों की प्रतिमाऎं स्थापित करने का कार्य भी इस परियोजना में लिया जा रहा है। चम्बल को मॉ के रूप में माना जाता है इस कल्पना को साकार करते हुए नदी में चम्बल मॉ की प्रतिमा भी स्थापित की जा रही है जिसके एक हाथ में घट से अनवरत बहती जल की धारा पर्यटकों का आकर्षण का केन्द्र होगी।
चम्बल रिवर फ्रन्ट योजना एक ऎसी नायाब परियोजना है, जो कोटा शहर को आधुनिक स्थापत्य एवं वास्तु कला के मानचित्र पर पूरी दुनिया में प्रसिद्धि दिलाएगी। तीन सौ सात करोड़ रुपये लागत की इस योजना में 6 किमी लम्बे हैरिटेज रिवर फ्रन्ट का निर्माण किया जाएगा, जिसमें पूरे राजस्थान की संस्कृति एवं स्थापत्य कला के समन्वय का बेहतरीन प्रदर्शन होगा। प्रस्ताव के अनुसार, इस परियोजना में कई बगीचों और कैफे-रेस्टोरेंट आदि का निर्माण किया जाएगा तथा जगह-जगह पर देश-प्रदेश की महान विभूतियों की प्रतिमाएं स्थापित कर उसे आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।