ऑनलाइन ठगी रोकेंगे साइबर एक्सपर्ट वे वॉलिंटियर्स

ऑनलाइन ठगी रोकेंगे साइबर एक्सपर्ट वे वॉलिंटियर्स

गृह मंत्रालय ने पुलिस को भेजें दिशा निर्देश और प्रोटोकॉल दुनिया के ज्यादातर देशों में यह तरीका पहले से है लागू गंगापुर सिटी
डिजिटल लेन-देन बढ़ने के साथ ही ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में ठगी की घटनाएं बढ़ रही हैं। ठगो कीनित नए तरीके पुलिस और जांच एजेंसियों के लिए चुनौती बन रहे हैं।भारत सरकार का गृह मंत्रालय अब इस चुनौती से ऐसे वॉलिंटियर्स स्वयंसेवकों के जरिए निपटेगा जो किसी भी तरह से जांच एजेंसियों की मदद कर सकते हैं।मंत्रालय ने इसके लिए अपने साइबर क्राइम पोर्टल केयवीनरे इन कंपनी गेव इन पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिए हैं तीन श्रेणियों में लोग या संस्थाएं इसके जरिए साइबर क्राइम रोकने में सरकार की मदद कर सकेंगे इसके लिए मंत्रालय ने भी राज्य सरकारों को मानक संचालन प्रक्रिया बनाकर भेजी है। इन्हीं के अनुरूप राजकीय साइबर क्राइम बीट एंड वॉलिंटियर्स की मदद ले सकेगी
क्या है साइबर क्राइम पोर्टल
गृह मंत्रालय ने अगस्त 2019 में साइबर क्राइम की रिपोर्टिंग के लिए अलग से फ्रेमवर्क तैयार किया था। इसी के तहत केयवीनरे इन कंपनी गेव इन पर नाम से राष्ट्रीय पोर्टल शुरू किया गया था जहां कोई भी साइबर क्राइम के बारे में सूचना दे सकता था अब इनमें वॉलिंटियर्स को जोड़ने का कदम उठाया गया है। 3 श्रेणियों सायबर स्वयंसेवक इस पर जुड़ सकते हैंगैर कानूनी कैंटर की जानकारी देने वाले वॉलिंटियर्स इस श्रेणी के लिए आपको कोई पुलिस वेरीफिकेशन नहीं करवाना होगा कि वे सरकार के नेशनल पोर्टल से जोड़कर आप काम कर सकते हैं इसमें इंटरनेट की दुनिया में किसी भी वेबसाइट या सोशल मीडिया पर कोई भी ऐसी जानकारी देखें जिससे जनता या देश के लिए खतरा या खतरनाक हालात पैदा हो सकते हैं आप उसकी सूचना सीधा सरकार तक पहुंचा सकते हैं जागरूकता बढ़ाने वाते इस दूसरी श्रेणी में आप सरकार द्वारा साइबर अपराधों को लेकर की जा रही जागरूकता में सेवा भी बन सकते हैं थाने जाने की जरूरत नहीं, पोर्टल पर करें शिकायत दर्ज किसी के साथ अगर साइबर अपराध होता है तो उसकी शिकायत करने के लिए पुलिस थाने के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है।कोई भी पीडि़त घर बैठे अपने मोबाइल या कंप्यूटर से अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सकता है वेबसाइट पर साइबर अपराध ठगी, चाइल्ड पोर्नोग्राफी और रेप जैसी घटनाओं की शिकायत दी जा सकती है।इन शिकायतों को गृह मंत्रालय जांच के लिए संबंधित प्रदेश की पुलिस को भेजता है। पुलिस को शिकायत गंभीरता से लेनी होगी।