जैविक उत्पादों की खरीद-बिक्री के लिए ‘राज किसान जैविक’ मोबाइल एप विकसित
जयपुर, 18 जुलाई। राज्य में अब जैविक उत्पादों की खरीद-बिक्री घर बैठे ही आसानी से ऑनलाइन कर सकेंगे। इसके लिए कृषि विभाग ने ‘राज किसान जैविक’ मोबाइल एप विकसित किया है।
कृषि मंतर््ी श्री लालचंद कटारिया ने बताया कि लोगों के शुद्ध खाने को लेकर ज्यादा सजग होने से बाजार में जैविक उत्पादों की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। साथ ही किसानों का रूझान भी ऎसे उत्पाद पैदा करने की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था में 90 जैविक उत्पादक समूह पंजीकृत हैं जिनसे करीब 20 हजार से अधिक किसान जुड़े हुए हैं। यह किसान जैविक अनाज, जैविक सब्जी, जैविक मसाले तथा जैविक फलों का उत्पादन कर रहे हैं, लेकिन इन्हें अपनी उपज बेचने के लिए खरीददार ढूंढने में कठिनाई आती है। इससे निजात दिलाने के लिए किसान तथा उपभोक्ता को ऑनलाइन मंच उपलब्ध करवाने के लिए ‘राज किसान जैविक’ मोबाइल एप विकसित किया गया है।
श्री कटारिया ने बताया कि इस एप पर पंजीकरण कराकर उत्पादक और व्यापारी-उपभोक्ता आपस में बातचीत कर उपज की बिक्री और खरीद कर सकते हैं। किसान गूगल प्ले स्टोर से इस एप को डाउनलोड करके अपना पंजीकरण कर सकते हैं और एप पर पंजीकृत खरीददारों से मोलभाव कर अपने उत्पाद बेच सकते हैं। इसमें व्यक्तिगत और समूह के रूप में प्रमाणित दोनों ही प्रकार के किसान अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। इस एप पर अब तक 160 किसानों और 29 खरीददारों का पंजीकरण हो चुका है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने और खरीद-बिक्री आसान बनाने के लिए सत्त प्रयास कर रही है। इसी क्रम में गत दिनों जयपुर में दुर्गापुरा स्थित कृषि प्रबंधन संस्थान से जैविक उत्पाद बिक्री प्रोत्साहन स्थल की शुरूआत की गई थी।
किसान ऎसे कर सकते हैं पंजीकरण
कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री भास्कर ए सावंत ने पंजीकरण प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि किसान गूगल प्ले स्टोर से ‘राज किसान जैविक‘ मोबाइल एप डाउनलोड कर विक्रेता के रूप में पंजीकरण करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें ‘विक्रेता पंजीकरण‘ बटन पर क्लिक करना होगा। इसके बाद एकल या समूह में खेती करने वाले कृषक द्वारा अपनी श्रेणी का चयन कर आधार नंबर दर्ज करना होगा, जिसके पश्चात मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी सत्यापित करना होगा। इसके बाद किसान एवं पिता का नाम, गांव आदि सभी विवरण अपने आप दर्ज हो जाएगा। तत्पश्चात किसान को ‘जमा करें’ बटन पर क्लिक करना होगा। इस प्रकार किसान के मोबाइल एप पर पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
खरीददारों का ऎसे होगा पंजीकरण
श्री सावंत ने बताया कि खरीददार व्यापारी पंजीकरण के लिए ‘क्रेता पंजीकरण‘ बटन पर क्लिक करके और अपना आधार नंबर दर्ज करके इसे ओटीपी द्वारा सत्यापित करेंगे। इससे आधार में दर्ज विवरण के अनुसार उपयोगकर्ता एवं पिता का नाम, मोबाइल नंबर आदि अपने आप एप में दर्ज हो जाएगा। खरीददार को भी ‘जमा करें’ बटन पर क्लिक करना होगा। इस तरह क्रेता और विक्रेता दोनों का पंजीकरण आसानी से इस मोबाइल एप पर हो जाता है।
प्रमाणीकरण संस्था से होगा अनुमोदन
कृषि विभाग के आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि पंजीकरण के बाद जैविक खेती करने वाले किसान को इस मोबाइल एप के माध्यम से प्रमाणीकरण संस्था द्वारा जारी प्रमाण पत्र की फोटो लेनी होगी और उससे संबंधित वैधता विवरण तथा प्रमाणित करने वाली एजेंसी का नाम दर्ज करना होगा। इसके बाद ‘जमा बटन‘ पर क्लिक करने पर प्रमाण पत्र मोबाइल एप में अपलोड हो जाएगा जिसका अनुमोदन संबंधित प्रमाणीकरण संस्था द्वारा किया जाएगा।
क्रेता-विक्रेता फोन पर कर सकेंगे मोलभाव
आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि प्रमाणीकरण संस्था के अनुमोदन के बाद किसान इस मोबाइल एप में जैविक कृषि योग्य भूमि का विवरण, फसल का नाम, बिक्री योग्य उपज तथा जैविक फसल का रकबा आदि दर्ज कर सकेंगे। इस मोबाइल एप में यह भी सुविधा दी गई है कि किसान अपनी उपज की बिक्री दर भी इसमें दर्ज कर सकेगा। किसान द्वारा जैविक उपज के बारे में दिया गया समस्त विवरण इस मोबाइल एप में पंजीकृत खरीददारों को दिखने लगेगा जिससे वे विक्रेता किसान को ‘कॉल बटन‘ पर क्लिक करके फोन पर संपर्क कर सकेंगे। इस तरह से जैविक उपज बेचने वाले किसान तथा उसके खरीददार के बीच आपसी समन्वय और मोलभाव करने के लिए यह बहुत ही अच्छा प्लेटफार्म है।