गेहूं की विकेन्द्रीकृत खरीद प्रक्रिया शुरू करने से पूर्व, लाभ हानि का विश्लेषण किया जाये – मुख्य सचिव
जयपुर, 23 जुलाई। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा है कि प्रदेश के 10 जिलों में गेहूं खरीद की विकेन्द्रीकृत खरीद प्रक्रिया लागू करने से पूर्व राजस्व लाभ एवं हानि के विश्लेषण हेतु कॉस्ट शीट तैयार की जाए।
श्री आर्य शुक्रवार को यहां शासन सचिवालय में आयोजित वी.सी. के माध्यम से संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि रबी विपणन वर्ष 2022-23 में 10 जिलों में डीसीपी प्रणाली के तहत गेहूं खरीद की जाती है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में डीसीपी प्रक्रिया के तहत गेहूं की खरीद का गहनता से अध्ययन कर तार्किक तथ्यों का विश्लेषण किया जाना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर खाद्य सचिव श्री नवीन जैन ने बताया कि केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार रबी विपणन वर्ष 2022-23 के लिए 10 जिलों – बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, प्रतापगढ़, उदयपुर, भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर, अलवर एवं भीलवाड़ा में समर्थन मूल्य की खरीद किये जाने की कार्य योजना तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि अगर प्रदेश में डीसीपी प्रक्रिया चालू की जाती है तो प्रत्येक रबी विपणन वर्ष में 7500 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी।
विडियो कॉन्फ्रेंस में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।