जल जीवन मिशन की बजट घोषणा सम्बंधी बैठक, सेव वाटर एण्ड गिव वाटर की नीति के तहत प्लान बनायें – मुख्य सचिव
जयपुर, 23 जुलाई। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे सेव वाटर एण्ड गिव वाटर की नीति के तहत प्लान बनायें। उन्हाेंने कहा कि जल जीवन मिशन को प्रदेश में हर घर में नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए शुरु किया गया है। राज्य सरकार जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत परियोजनाओं के कार्यों को 2024 तक पूरा कर प्रदेश के गांवों में लक्ष्य के अनुसार ’हर घर नल कनेक्शन’ देने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्य सचिव श्री आर्य की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां शासन सचिवालय में जल जीवन मिशन की बजट घोषणाओं की समीक्षा हेतु जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं जल संसाधन विभाग की संयुक्त बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत वृहद पेयजल योजनाओं के लिए जल संरक्षण के मुद्दे पर दोनों विभागों के समन्वित प्रयासों से सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों विभाग साझा मुहिम को आगे इसी प्रकार जारी रखें।
श्री आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा राज्य के बजट में घोषित पेयजल परियोजनाओं के लिए जल संरक्षण के बाकी मुद्दों पर सभी रीजन मेेंं विभाग के अधिकारी विचार – विमर्श कर कायोर्ं को गति दें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लिफ्ट वाटर इरिगेशन तंत्र विकसित किया जाये। नदियों में लिफ्ट वाटर इरिगेशन लगवा कर पानी की व्यवस्था की जाये। उन्होंने कहा कि प्रेक्टिकल सोच एवं सांइटिफिक एप्रोच के साथ प्लान बना कर पानी का संग्रहित किया जाये।
बैठक में जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने बताया कि प्रदेश के सतही जल स्रोतों के अतिरिक्त पानी को संग्रहित करने के लिए अन्य स्थानों पर भी ’एस्केप मॉडल’ पर कार्य करने की संभावनाओं पर भी कार्य किया जा रहा है। बैठक में बीसलपुर बांध, चम्बल नदी, नर्मदा कैनाल, माही डैम, जाखम बांध, सहित इंदिरा गांधी नहर परियोजना जैसे सतही पेयजल स्रोतों से जल जीवन मिशन में पेयजल परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त पानी की उपलब्धता पर विस्तार से चर्चा की गई।
श्री पंत ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत एसएलएसएससी द्वारा विभिन्न अन्य ग्रामीण जलापुर्ति योजनाओं के अतिरिक्त 101 प्रमुख परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इनमें से 71 योजलाएं मुख्यमंत्री द्वारा बजट घोषणा के अधीन है। इन 71 योजनाओं में से 59 योजनाओं के लिए अतिरिक्त जल संरक्षण की आवश्यकता होगी। शेष 30 जलापूर्ति योजनाओं में से 21 के लिए अतिरिक्त जल संरक्षण की आवश्यकता होगी।
जल संसाधन विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री नवीन महाजन ने बताया कि जल संसाधन विभाग द्वारा जयपुर बीसलपुर पेयजल परियोजना के फेज-द्वितीय के लिए 5.5 टीएमसी अतिरिक्त पानी देने के लिए सहमति जताई गई है। इसी प्रकार माही डैम से 334 गांवों की पेयजल परियोजना के लिए 2.85 एमसीएम पानी का संरक्षण किया जाएगा। सोम कमला अंबा से मौजूदा 84 गांवों के लिए 2.83 एमसीएम पानी का वीएसपी संरक्षण किया जायेगा। इंदिरा गांधी नहर परियोजना के साथ जल आपूर्ति के लिए एस्केप जलाशयों को भंडारण के रुप में उपयोग करने पर विचार किया जा रहा है।
बैठक में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं जल संसाधन विभाग के उच्च अधिकारी भी उपस्थित थे।