शिक्षा बचाओ आंदोलन ने किया आंदोलनकारी किसानों का समर्थन
गंगापुर सिटी किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन का शिक्षा बचाओ आंदोलन प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में शहाजहांपुर बॉर्डर पहुंच कर पुरजोर समर्थन व्यक्त किया।
शिक्षा बचाओ आंदोलन के प्रदेश संयोजक डॉ.रमेश बैरवा ने बताया कि केंद्र सरकार निरंकुश रवैया अपनाए हुए है तथा एक के बाद एक सभी लोक कल्याणकारी नीतियों एवं योजनाओं को खत्मकर मनमाने तरीके से कॉरपोरेट पोषक नीतियां लागू करने पर आमादा है। हाल ही में बनाये किसान विरोधी कृषि कानून भी इसी कड़ी में केंद्र सरकार का एक निरंकुश कदम है।
उन्होने बताया कि इससे पहले पुरानी पेंशन व्यवस्था को बंद करके शिक्षक- कर्मचारी विरोधी नई पेंशन स्कीम लागू की गई। जन विरोधी नई शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से शिक्षा का निजीकरण और केंद्रीकरण तेज करने की योजना बनाई गई है। एक-एक करके सभी सार्वजनिक क्षेत्रों को कॉरपोरेट के हवाले किया जा रहा है। इसलिए शिक्षा बचाओ आंदोलन से जुड़े स्कूल,कॉलेज एवं विश्वविद्यालय शिक्षक एवं छात्र प्रतिनिधि बड़ी संख्या में राजस्थान के विभिन्न इलाकों से चलकर आंदोलन स्थल पहुंचे।
किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए प्रदेश भर से पहुंचे इस जत्थे में राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश अध्यक्ष महावीर सिहाग, राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (रूक्टा) के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ भरत मीणा, डॉ.ओ पी यादव, डॉ हरिसिंह मीणा,डॉ अशोक खटीक,डॉ सुंदर बसवाल, डॉ शिवचरण चेडवाल, डॉ खेमचंद महावर,डॉ महेश वर्मा,राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश सभाध्यक्ष दुर्गाराम मोगा,सीकर से विनोद पूनिया पोखरमल, शुभकरण नैन, रामलाल डागर, दानसिंह,जीतसिंह,श्योप्रसाद बैरवा, नीतू,नीलू वर्मा, शाहरुख खान, सतवीर सिंह आदि लोग शामिल रहे।