नशा एक अभिशाप है, इस बुराई को रोकना जरूरी है
– अध्यक्ष, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग
जयपुर, 25 अगस्त। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा है कि नशा एक अभिशाप है, नशा धीरे-धीरे व्यक्ति के जीवन में प्रवेश कर घर, परिवार, समाज को बर्बाद कर देता है, अतः इस बुराई को रोकना जरूरी है।
बेनीवाल बुधवार को राजकीय विधि महाविद्यालय चूरू में राज्य सरकार के कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, जिला प्रशासन एवं महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति की ओर से मनाये जा रहे सद्भावना सप्ताह के तहत ‘‘नशे से बच्चों एवं महिलाओं के जीवन पर प्रभाव व मुक्ति का मार्ग’’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि नशा एक व्यक्ति करता है पर उसके दुष्प्रभाव व दुष्परिणाम पूरे परिवार में बच्चों व महिलाओं पर पड़ता है, इसलिए परिवार में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।
बेनीवाल ने कहा कि फैशन व आधुनिकता के दिखावे में भी युवा नशे की और आकर्षित हो रहे है, ऎसे में सब का दायित्व बन जाता है कि हम लोगों को नशे के दुष्प्रभाव व दुष्परिणाम के संबंध में जागरूकता फैलाएं। उन्होंने कहा कि हम एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका में हों और देश व समाज के हित में नशे से मुक्ति की दिशा में काम करें। उन्होंने कहा कि हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम नशे के प्रति जागरुक रहकर लोगों से तनाव व उपेक्षा के संबंध में बातचीत कर नशे से दूर रहने के महती प्रयास करें।
सम्प्रेषण गृह एवं बालिका आश्रय गृह का निरीक्षण अधिकारियों को दिये आवश्यक निर्देश
राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती संगीता बेनीवाल ने बुधवार को जिला मुख्यालय स्थित संचालित सम्प्रेषण गृह एवं बालिका आश्रय गृह का निरीक्षण किया एवं अधिकारियों एवं व्यवस्थापकों को आवश्यक निर्देश दिये।
श्रीमती बेनीवाल ने सम्प्रेषण गृह में भोजन, पानी व चिकित्सा व्यवस्था की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देश दिये कि सम्प्रेषण गृह में बच्चों के लिए भोजन व चिकित्सा की माकूल व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने बाल कल्याण समिति के सदस्य मनोज सैनी से बाल कल्याण से संबंधित शिकायत प्राप्त कर शीघ्र निस्तारण का आश्वासन दिया।
सद्भावना सप्ताह
राज्य सरकार के कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, जिला प्रशासन एवं महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति की ओर से मनाये जा रहे सद्भावना सप्ताह के तहत बुधवार को राजकीय सर्वहितकारिणी पुत्री पाठशाला चूरू में जिला स्तरीय गायन प्रतियोगिता आयोजित हुई।
इस अवसर पर राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती संगीता बेनीवाल ने कहा है कि आज हमें राष्ट्रपिता के पद चिन्हों पर चलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा हमारे साथ जीवन पर्यन्त रहती है, जीवन में कोई भी काम छोटा-बड़ा नहीं होता है, अपने पैरों पर खड़ा होना जीवन में मायने रखता है, अतः पहले पूर्ण शिक्षा फिर शादी के बारे में सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई के प्रति जागरुक रहकर शिक्षा से जुड़ना आवश्यक है। उन्होंने प्रतियोगिता के आयोजकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का प्रिय भजन ईश्वर – अल्लाह एक है, यह सुनने पर व्यक्ति को बहुत सुकून मिलता है।