जल जीवन मिशन (जेजेएम)
वाटर रिजर्वेशन पर पीएचईडी एवं डब्ल्यूआरडी की संयुक्त बैठक
जेजेएम की कई परियोजनाओं में अतिरिक्त पानी के लिए बनी सहमत
जयपुर, 26 सितम्बर। जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) श्री सुधांश पंत की अध्यक्षता में सोमवार को प्रदेश में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं के लिए वाटर रिजर्वेशन के विषय पर पीएचईडी (जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग) एवं डब्ल्यूआरडी (जल संसाधन विभाग) के अधिकारियों की संयुक्त बैठक आयोजित हुई।
बैठक में एसीएस श्री पंत और डब्ल्यूआरडी के शासन सचिव डॉ. पृथ्वीराज ने दोनों विभागों के अधिकारियों के साथ वृहद पेयजल परियोजनाओं (मेजर प्रोजेक्ट्स) में सतही जल स्रोत पर आधारित जेजेएम परियोजनाओं के लिए वाटर रिजर्वेशन के बारे में अधिकारियों से प्रोजेक्ट सर्किल एवं जिलावार आवश्यकताओं के बारे में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिए कि स्थानीय स्तर पीएचईडी एवं डब्ल्यूआरडी के अधिकारी आपस में समन्वय करते हुए जल आरक्षण की जरूरतों के बारे में प्रस्ताव तैयार कराए। इसमें पूर्व में किन-किन जल स्रोतों में पेयजल के लिए कितना जल आरक्षित है और नई परियोजनाओं के लिए और कितनी आवश्यकता है, इसके बारे में तुलनात्मक स्थिति का विस्तृत विवरण हो।
बैठक में बताया गया कि विगत दिनों दोनों विभागों की संयुक्त बैठकों से जेजेएम परियोजनाओं के लिए जल आरक्षण की द्वष्टि से सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। अब तक उदयपुर जिले में सारडा एवं सलूम्बर तहसीलों के 84 गांवों के लिए सोम कमला अम्बा बांध, चितौड़गढ़ में बेगूं पंचायत समिति के 62 गांवों के लिए ओराई बांध, झालावाड़ में रीवा पेयजल परियोजना के लिए रीवा बांध तथा गुलेंडी पेयजल प्रोजेक्ट के लिए गुलेंडी बांध से अतिरिक्त पानी के लिए सहमति बन चुकी है। इसी प्रकार झालावाड़ में कालीखार पेयजल परियोजना के लिए कालीखार बांध, खानपुर पेयजल प्रोजेक्ट के लिए भीमसागर बांध, पिड़ावा-रायपुर पेयजल प्रोजेक्ट के लिए चौली डैम, बूंदी में गरडा पेयजल आपूर्ति योजना के लिए गरडा बांध तथा इंद्रगढ़ वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट के लिए चाकन डैम तथा जयसमंद बांध से पूर्व में चल रही जयसमंद झील आधारित चार पेयजल परियोजनाओं के लिए वाटर रिजर्वेशन के बारे में सहमति बन गई है।
बैठक में चम्बल नदी से कोटा और बूंदी में जेजेएम परियोजनाओं के लिए जल आरक्षण के बारे में भी चर्चा हुई। इसके बारे में पीएचईडी के एसीएस और डब्ल्यूआरडी के शासन सचिव ने अधिकारियों को और गहनता से एक्सरसाइज करते हुए फिर से प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। इसके अलावा बैठक में इंदिरा गांधी नहर परियोजना, माही डैम, बीसलपुर बांध, परवन बांध, नर्मदा कैनाल, सुरवानिया बांध, छापी डैम एवं गागरिन डैम से जेजेएम में ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त पानी की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई।
बैठक में जलदाय विभाग के मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट्स) श्री दलीप कुमार गौड़, आईजीएनपी बोर्ड के सचिव श्री देशराज मीना,जल संसाधन विभाग में मुख्य अभियन्ता-स्टेट वाटर प्लानिंग श्री रवि सोलंकी, पीएचईडी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता-कोटा श्री महेश जांगिड़, अतिरिक्त मुख्य अभियंता-उदयपुर श्री सोहन लाल साल्वी, अतिरिक्त मुख्य अभियंता-अजमेर श्री परितोष गुप्ता और डब्ल्यूआरडी के अधीक्षण अभियंता श्री हरीश वासनानी सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे।