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नगरीय विकास मंत्री ने शहर में किया मियावाकी पद्धति से वृक्षारोपणजयपुर, 17 अक्टूबर। नगरीय विकास मंत्री श्री शांति धारीवाल ने जयपुर शहर में आबादी विस्तार के साथ-साथ बढते हुए ध्वनि एवं वायु प्रदूषण को दृष्टिगत रखते हुए रविवार को शहर के विभिन्न पार्को एवं जविप्रा भूमियों पर मियावाकी पद्धति से 10 स्थानों पर सघन वृक्षारोपण एवं संधारण कार्य को बढावा देते हुए रविवार को वृक्षारोपण किया। नगरीय विकास मंत्री ने बताया कि यह वनरोपण की एक पद्धति है जिसका आविष्कार मियावाकी नामक जापान के एक वनस्पतिशास्त्री ने किया था। इसमें छोटे-छोटे स्थानों पर छोटे-छोटे पौधे रोपे जाते हैं जो साधारण पौधों की तुलना में दस गुनी तेजी से बढ़ते हैैं।इस अवसर पर जयपुर विकास आयुक्त श्री गौरव गोयल ने बताया कि नगरीय विकास मंत्री श्री शांति धारीवाल के निर्देशन में जेडीए द्वारा जयपुर शहर में बढती आबादी एवं ध्वनि व वायु प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न पार्को एवं जविप्रा भूमियों पर मियावाकी पद्धति से 10 स्थानों पर सघन वृक्षारोपण कर संधारण किया जायेगा। जिससे जयपुर शहर में ऑक्सीजोन विकसित होगा। इस अवसर पर श्री कुंजी लाल मीना, प्रमुख शासन सचिव, नगरीय विकास एवं आवासन विभाग, श्री हृदयेश शर्मा, सचिव, जयपुर विकास प्राधिकरण, श्री कृष्ण कुमार हरितवाल पर्यावरण विद्य, श्रीमति लक्ष्मी सक्सेना, राष्ट्रीय अध्यक्ष, मदर अर्थ प्रोजैक्ट, श्री महेश तिवारी, वन सरंक्षक, जयपुर विकास प्राधिकरण एवं अन्य अधिकारियों के साथ स्थानीय जन प्रतिनिधि एवं आमजन उपस्थित थे।उल्लेखनीय है कि यह पद्धति विश्वभर में लोकप्रिय है और इसने शहरी वनारोपण की संकल्पना में क्रांति ला दी है। घरों और परिसरों के पिछवाड़ों को उपवन में परिवर्तित कर दिया है। देश के विभिन्न राज्यों एवं प्रमुख शहरों में भी यह पद्धति अपनाई जा चुकी है।