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मुख्यमंत्री ने की उर्वरक उपलब्धता की समीक्षाडीएपी आपूर्ति में सुधार के लिए राज्य सरकार निरन्तर प्रयासरत-मुख्यमंत्रीजयपुर, 18 अक्टूबर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि पूरे देश में डीएपी उर्वरक की कमी है। डीएपी की आपूर्ति सिर्फ भारत सरकार द्वारा की जाती है। ऎसे में राज्य सरकार की ओर से केन्द्रीय उर्वरक मंत्रालय से लगातार संपर्क कर अक्टूबर माह में एक लाख दस हजार मैट्रिक टन डीएपी राजस्थान को उपलब्ध कराए जाने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर महीने में प्रदेश की 1.50 लाख मैट्रिक टन की मांग के विरूद्ध केन्द्र सरकार द्वारा 68 हजार मैट्रिक टन डीएपी स्वीकृत किया गया है। उसमें से भी अभी तक 60 हजार मैट्रिक टन डीएपी प्राप्त हुआ है। इससे डीएपी आपूर्ति में कमी हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आपूर्ति में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है।श्री गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित बैठक में उर्वरकों की उपलब्धता की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों उनकी ओर से पत्र लिखकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का ध्यान प्रदेश में डीएपी की पर्याप्त आपूर्ति एवं किसानों को हो रही कठिनाईयों की ओर दिलाया गया। साथ ही केन्द्रीय उर्वरक मंत्री से भी फोन पर बात कर उनसे डीएपी आपूर्ति बढाने की मांग की गई है। किसानों को एसएसपी के उपयोग के लिए करें जागरूकमुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कृषि अधिकारी किसानों के बीच जाकर उन्हें डीएपी के वैकल्पिक उर्वरकों के बारे में जानकारी दें। किसानों को बताया जाए कि डीएपी की उपलब्धता नहीं होने पर सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) को डीएपी के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। यह तिलहनी एवं दलहनी फसलों के लिए अन्य उर्वरकों की अपेक्षा लाभदायक है। इससे फसल उत्पादन में किसी तरह की कमी नहीं आएगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसानों को एसएसपी एवं एनपीके जैसे उर्वरकों के उपयोग के लिए प्रेरित करें और उन्हें बतायें कि डीएपी के विकल्प के रूप में दोनों कारगर उर्वरक हैं।बैठक में कृषि मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि केन्द्रीय उर्वरक मंत्री से उन्होंने डीएपी आपूर्ति बढाने के संबंध में चर्चा की है। इस संबंध में पत्र भी लिखा गया है। केन्द्रीय उर्वरक मंत्री ने राजस्थान को पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध कराने के संबंध में आश्वासन दिया है। कुछ अन्य केन्द्रीय मंत्रियों से भी इस संबंध में बात की गई है, ताकि प्रदेश को अक्टूबर माह में जरूरत के अनुसार डीएपी की आपूर्ति मिल सके। कृषि राज्य मंत्री श्री भजन लाल जाटव ने सरसों की जल्दी बुवाई के कारण भरतपुर में डीएपी की बढ रही मांग को देखते हुए वहां आपूर्ति बढाने का सुझाव दिया। कृषि विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि भरतपुर को एक रैक डीएपी एवं एक रैक एसएसपी भेज दी गई है। अन्य जिलों में भी दोनों उर्वरकों की रैक भेजी जा रही हैं।केन्द्रीय अधिकारियों से निरन्तर संपर्कप्रमुख शासन सचिव कृषि श्री दिनेश कुमार ने बताया कि केन्द्रीय उर्वरक सचिव एवं अन्य अधिकारियों से मुलाकात कर राजस्थान को डीएपी की आपूर्ति बढाने का आग्रह किया गया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान को पिछले 6 दिन में डीएपी की 6 रैक एवं एनपीके की 3.5 रैक मिली है। इससे किसानों को आंशिक राहत मिली है। प्रदेश में पिछले दिनों हुई बारिश के कारण डीएपी की मांग में फिर से वृद्धि हो रही है।राजस्थान को मांग के विरूद्ध कम आपूर्तिबैठक में आयुक्त कृषि श्री ओमप्रकाश ने डीएपी आपूर्ति में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने इस साल अप्रेल से सितंबर माह के दौरान 4.50 लाख मैट्रिक टन डीएपी की मांग के विरूद्ध राजस्थान को 3.07 लाख मैट्रिक टन की ही आपूर्ति की है। अक्टूबर माह में 1.5 लाख मैट्रिक टन मांग के विरूद्ध 68 हजार मैट्रिक टन डीएपी स्वीकृत किया गया इसमें से अभी 60 हजार मैट्रिक टन की ही आपूर्ति की गई है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार की ओर से 40 हजार मैट्रिक टन डीएपी उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया है।कृषि आयुक्त ने बताया कि डीएपी की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा रही है। साथ ही, गोष्ठियों के माध्यम से किसानों को एसएसपी के उपयोग के बारे में जागरूक किया जा रहा है।बैठक में प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेे। —-