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आयुर्वेद, होम्योपैथिक और यूनानी चिकित्सा वैकल्पिक नहीं वास्तविक पद्धति है आयुर्वेद मंत्रीजयपुर, 2 नवंबर। आयुर्वेद मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राजस्थान आयुर्वेद पद्धतियों के लिए देशभर में अलग पहचान रखता है। प्रदेश में सभी देशीय चिकित्सा पद्धतियों की सुविधा के लिए एक संस्थागत ढांचा तैयार किया गया है, जिसका लाभ प्रदेश व देश-विदेश के लोगों को हो रहा है। उन्होंने कहा की प्रदेश की आयुष नीति दर्शाती है कि सरकार आयुर्वेद और अन्य देशी पद्धति से आमजन को लाभान्वित करने के लिए बहुत गंभीर है।डॉ. शर्मा धन्वंतरी जयंती व आयुर्वेद दिवस के अवसर पर एचसीएम रीपा में आयोजित छठे राज्य स्तरीय समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उपलब्ध आयुर्वेद, होम्योपैथिक, नेचुरोपैथी व यूनानी चिकित्सा सुविधाओं से आमजन के साथ पर्यटक भी लाभान्वित हो इसके लिए मेडी ट्यूरिज्म सेंटर्स की स्थापना की जा रही है। इन सेंटर्स की स्थापना के लिए नाथद्वारा, उदयपुर, कुंभलगढ़, पुष्कर, घाटा मेहंदीपुर एवं नाकोड़ा में निःशुल्क भूमि का आवंटन किया गया है। वहीं अन्य धार्मिक स्थल जहां मेडी ट्यूरिज्म सेंटर्स बनने हैं वहां के लिए जल्द ही भूमि उपलब्ध करायी जाएगी।आयुर्वेद मंत्री ने कहा कि प्रदेश में आयुर्वेद सुविधाओं का विस्तार आधुनिक तौर पर हो इसके लिए 1 हजार आयुर्वेद औषधालयों को हैल्थ एंड वैलनैस सेंटर्स के तौर पर विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसमें से 500 आयुर्वेद औषधालयों 56 करोड़ की राशि से हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर के तौर पर विकसित किया जा चुका है, जबकि शेष सेंटर्स के चिन्हीकरण के लिए प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा जा चुका है।एमओयू साइन किया गयाडॉ. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में देशीय चिकित्सा पद्धतियों का ढांचा मजबूत करने के साथ नियुक्तियां भी निरंतर की जा रही है। हाल ही में 597 आयुर्वेद चिकित्साधिकारियों तथा 11 यूनानी चिकित्साधिकारियों के पदों पर नियुक्ति आदेश जारी कर दिए गए है। जबकि 704 कनिष्ठ नर्स कम्पाउण्डर के पदों पर भी शीघ्र भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में आने वाले रोगियों के शोधपरक विश्लेषण के लिए आज के शुभ दिन ही डॉक्टर सर्वपल्ली राधाष्णन आयुर्वेद विश्विद्यालय जोधपुर और निदेशालय अजमेर के बीच एक एमओयू भी किया गया है, जिससे अब शोध कार्य और तेज़ी से हो सकेंगे।स्कूल हर्बल गार्डन औषध पुस्तिका का विमोचनआयुर्वेद मंत्री ने कार्यक्रम में स्कूल हर्बल गार्डन औषध पुस्तिका का भी विमोचन किया। उन्होंने बताया कि राज्य औषध पादप मंडल जयपुर के द्वारा 100 स्कूलों में हर्बल गार्डन विकसित किए जायेंगे। उन्होंने बताया की इन हर्बल गार्डन में जो 30 प्रजातियों के पौधे लगाए जाने हैं इस पुस्तक में उनका सम्पूर्ण विवरण है। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में इन पादप को लगाया जाएं वहां उनके बारे में सम्पूर्ण जानकारी डिसप्ले की जाएं जिससे बच्चे उनके बारे में अधिक से अधिक जानकारी हासिल कर सकें।आयुर्वेद राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि आयुष ने कोरोना के दौर में करोड़ो लोगों को लाभान्वित किया है। उन्होंने कहा कि आयुष से संबंधित जानकारियों के अधिक से अधिक प्रचार प्रसार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्कूल और कॉलेज स्तर पर ही आयुष से संबंधित विषय से आवश्यक रूप से सभी को लाभान्वित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को सभी को अपने जीवन में अपनाना चाहिए जिससे कि निरोगी राजस्थान का सपना पूर्ण हो सकें।इस समारोह में आयुष सचिव श्रीमती विनीता श्रीवास्तव ने कहा कि आयुर्वेद विभाग की महत्ता पुनः आमजन के बीच बढ़ने लगी है। विशेषकर कोरोना के दौर में आयुर्वेद की उपयोगिता को सभी ने स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आयुर्वेदिक सुविधाओं के विस्तार के लिए नए चिकित्सालय खोले जा रहे है और देशी चिकित्सा प्रणालियों को साथ में लाकर सभी को इससे लाभान्वित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।धनवंतरी पुरस्कार से सम्मानित कियाइस मौके पर आयुर्वेद मंत्री ने आयुर्वेद चिकित्साल्यों में वितरित की जाने वाली औषिधियों के विवरण से युक्त सचित्र आयुर्वेद औषध निर्देशिका का विमोचन किया गया। उन्होंने आयुर्वेद विभाग में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों को समानित किया। अधिकारी वर्ग में डॉक्टर सुशील दत्त शर्मा, सत्य नारायण पंवार को सम्मानित किया गया। वही शिक्षक व शोध संवर्ग में पप्पू लाल शर्मा, विष्णुदत्त शर्मा समल्लित रहें, जबकि चिकित्साधिकारी वर्ग में डॉ. गोविंदराम, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. महेश कुमार सम्मानित हुए। साथ ही नर्स और कंपाउंडर वर्ग में नरेश कुमार, हरिसिंह सागर और लेखा वर्ग में सरला गुप्ता, विपिन चांडक को सम्मानित किया गया। जबकि परिचारक वर्ग में मांगीलाल मेघवाल, लालचंद शर्मा, हरिसिंह बहादुर को भी धनवंतरी पुरुस्कार से सम्मनित किया गया।डॉ. शर्मा ने इस राज्य स्तरीय समारोह में आयुर्वेद विभाग की सुविधाओं की विस्तार में योगदान देने वाले भामाशाओं को भी सम्मानित किया। जिसमें सीकर के धरमपाल कुमावत, पाली के घीसू लाल श्रीमाली और उदयपुर की सादरी के वेस्टर्न ड्रग्स लिमिटेड सम्मलित रहें।इस अवसर पर प्रोफेसर महेश चंद शर्मा, डॉ. आनंद शर्मा, विशेष अधिकारी डॉ. मनोहर पारीक, आयुर्वेद विभाग की निदेशक श्रीमती सीमा शर्मा सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।—-