गहलोत साहब! चिकित्सा, परिवहन, खान, नगरीय विकास, राजस्व, पुलिस आदि विभागों की ईमानदारी का टेस्ट मत करना।
वाकई आपको समर्थन देने वाले लोग ब्याज सहित वसूल रहे हैं। महिला थानेदार ही 10-10 लाख रुपए की रिश्वत ले रही है।
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सरकार के तीन साल पूरे होने के अवसर पर 16 नवंबर को जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा विभाग की ईमानदार का टेस्ट लिया तो शिक्षा विभाग में फैले भ्रष्टाचार की पोल खुल गई। राज्य स्तर पर सम्मानित होने वाले शिक्षकों ने एक स्वर में कहा कि तबादलों के लिए पैसे यानी रिश्वत देनी पड़ती है। सवाल उठता है कि आखिर सीएम गहलोत को शिक्षा विभाग की ईमानदारी जांचने की क्या जरूरत थी? गहलोत को तो राजनीति का चतुर खिलाड़ी माना जाता है, लेकिन फिर भी ऐसी नासमझी दिखाई। इस गलती से गहलोत को सबक लेना चाएिह। उम्मीद है कि अब गहलोत अन्य विभागों की ईमानदारी का टेस्ट नहीं लेंगे। जो पुलिस विभाग सीधे मुख्यमंत्री के अधीन आता है, उसकी एक थानाधिकारी सीमा जाखड़ को 10 लाख रुपए की रिश्वत लेकर डोडा पोस्त के तस्करों को छोड़ने के आरोप 16 नवंबर को ही सस्पेंड किया गया है। सिरोही जिले के बरलूट थाने की महिला अधिकारी के इस उदाहरण से पुलिस महकमे में भ्रष्टाचार का अंदाजा लगाया जा सकता है। यही स्थिति चिकित्सा, परिवहन, नगरीय विकास, राजस्व, खान आदि विभागों की है। कोरोना काल में चिकित्सा विभाग में जिस तरह महंगे उपकरणों की खरीद हुई, वैसे खरीद पूरे देश में कहीं भी नहीं हुई। गहलोत साहब, अब आप की मेहरबानी से चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा गुजरात के प्रभारी बन गए हैं। आप रघु शर्मा के विरुद्ध एक शब्द भी नहीं सुनना चाहते। ऐसी ही स्थिति नगरीय विकास विभाग की है, लेकिन आप तो चौथी बार भी शांति धारीवाल को ही नगरीय विकास विभाग का मंत्री बनाने की घोषणा कर चुके हैं। खान विभाग में फैले भ्रष्टाचार के मामले में तो आप अपनी ही पार्टी के विधायकों की नहीं सुन रहे हैं। परिवहन विभाग का तो भगवान ही मालिक है। शुरू से एसीबी ने परिवहन विभाग में बड़े पैमाने पर मंथली वसूलने का भंडाफोड़ किया था, लेकिन अब एसीबी भी खामोश है। आप माने या नहीं सरकार को समर्थन देने वाले लोग ब्याज सहित वसूली कर रहे हैं। गत वर्ष जुलाई अगस्त में आपने स्वयं सार्वजनिक तौर पर कहा था कि जो लोग मेरा साथ दे रहे हैं, उन्हें में ब्याज सहित भुगतान करुंगा। गोविंद सिंह डोटासरा, रघु शर्मा, शांति धारीवाल, प्रताप सिंह खाचरियावास, प्रमोद जैन, हरीश चौधरी, लालचंद कटारिया आदि मंत्रियों ने आपका ईशारा अच्छी तरह समझा है। यदि केंद्र रकार ने इनकम टैक्स महकमे से जांच करवाई तो आपकी आंखों को भी आश्चर्य होगा।