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प्रशासन शहरों एवं गांवो के संग अभियान की समीक्षासम्भावित लाभान्वितों की पहचान और लाभ देने के काम में तेजी लाएं-मुख्य सचिव जयपुर, 17 नवम्बर। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने जिला कलेक्टरों से प्रशासन शहरों के संग तथा प्रशासन गांवाें के संग अभियानों में सम्भावित लाभान्वितों की पहचान करने और उन्हें शिविरों में आमन्ति्रत कर उनके काम पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इन अभियानों के विभिन्न लक्ष्यों में संशोधन कर अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने पर जोर दिया। श्री आर्य बुधवार को शासन सचिवालय से वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से जिला कलेक्टराें, पुलिस अधीक्षकों और अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ अभियान की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने दो अक्टूबर से शुरू हुए इन अभियानों में पट्टा वितरण सहित अन्य कार्यों में आ रही शिथिलता पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में प्रदेशवासियोंं को राहत देने के लिए ये महत्वपूर्ण अभियान शुरू किए हैं। इनसे जुडे़ कार्याें को युद्ध स्तर पर किया जाना सुनिश्चित करें क्योंकि इनमें कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ’प्रो-एक्टिव अप्रोच’ के साथ कार्य करें मुख्य सचिव ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि प्रशासन शहरों के संग अभियान में लक्षित 10 लाख पट्टा वितरण के कार्य को समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि कुछ जिलों में इस कार्य में अपेक्षित प्रगति नहीं है, जो गम्भीर चिंता का विषय है। उन्होंने अभियान के लिए ’प्रो-एक्टिव अप्रोच’ के साथ कार्य करने और विभिन्न नगरपालिकाओं एवं नगर परिषदों के साथ-साथ प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत ग्राम पंचायतों के लिए निर्धारित पट्टा वितरण के लक्ष्यों को बढ़ाने के निर्देश दिए। अभियान के तहत अन्य कार्यों के लिए भी सम्भावित लाभान्वितों कि संख्या को पुनर्निर्धारित किया जाए। अधिकारियों को अपने व्यवहार में सुधार की जरूरत श्री आर्य ने कहा कि कुछ अधिकारी इन अभियानों के प्रति गम्भीर नहीं है। कई बार अधिकारियों एवं कार्मिकों का शिविरों में आने वाले आम लोगों के प्रति व्यवहार भी उत्साहजनक नहीं रहता है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति को गम्भीरता से लेने और अधिकारियों को अपने व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन अभियानों के माध्यम से आम लोगों को बिना किसी परेशानी के उनके अधिकार देना चाहती है। हमें इसी मानसिकता के साथ अभियान के शिविरों का संचालन करना चाहिए। मुख्य सचिव ने ग्रामीण तथा नगर पालिका क्षेत्रों में घर-घर सर्वे सहित अन्य माध्यमों से पट्टों के पात्र परिवारों की पहचान करने के निर्देश दिए। इसके लिए स्थानीय स्तर पर योजना बनाई जाए और जिलास्तर पर उसकी कड़ी मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने कहा कि आबादी विस्तार तथा भूमिहीनों को भूखण्ड देने आदि कार्याें के पंचायतवार प्रस्ताव तैयार कर अभियान के दौरान इनका अनुमोदन और पट्टा जारी करने की प्रक्रिया पूरी की जाए। अभियान के शिविरों में स्वच्छ भारत मिशन और प्रधानमंत्री आवास योजना आदि के लाभांवितों के लम्बित भुगतान प्रकरणों का भी निस्तारण किया जाए। समीक्षा बैठक में प्रमुख शासन सचिव शहरी विकास श्री कुंजीलाल मीणा, प्रमुख शासन सचिव राजस्व श्री आनन्द कुमार, प्रमुख शासन सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज श्रीमती अपर्णा अरोरा, शासन सचिव स्वायत्त शासन श्री भवानी सिंह देथा, शासन सचिव ग्रामीण विकास श्री के.के. पाठक, आयुक्त नरेगा श्री पी.सी. किशन, निदेशक स्थानीय निकाय श्री दीपक नन्दी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।सभी पुलिस थानों में स्वागत कक्षों का निर्माण जल्द करें मुख्य सचिव ने जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी पुलिस थानों में स्वागत कक्षों के निर्माण की बजट घोषणा का क्रियान्वयन जल्द से जल्द पूरा करें। उन्होंने बताया कि आगामी एक जनवरी को मुख्यमंत्री द्वारा इन स्वागत कक्षों का उद्घाटन प्रस्तावित है। पीड़ित पक्ष की शंकाओं का यथासम्भव समाधान हो मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण कानून के तहत दर्ज प्रकरणाें की जांच के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समीक्षा समिति की बैठक नियमित रूप से करने तथा पीड़ित पक्ष की शंकाओं का यथासम्भव समाधान करने के निर्देश दिए। ’बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के तहत नवाचार करें मुख्य सचिव श्री आर्य ने भारत सरकार के ’बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत जिला स्तर पर गठित समितियों की बैठक नियमित रूप से नहीं होने तथा कलेक्टरों द्वारा अभियान के लिए स्वीकृत 50 लाख रूपये की बजट राशि का समुचित उपयोग नहीं करने पर चिंता जाहिर की।टीकाकरण के लिए स्थानीय मशीनरी का उत्साहवर्धन जरूरी मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने इस दौरान कोविड-19 के टीकाकरण की प्रगति की भी समीक्षा की। बीते दिनों में टीकाकरण के काम आई शिथिलता को गम्भीरता से लेते हुए उन्होंने जिला कलेक्टराें को निर्देश दिए कि प्रदेश में वयस्क आबादी के शत प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को जल्द से जल्द हासिल किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में फील्ड में तैनात स्वास्थ्य विभाग की मशीनरी का उत्साहवर्धन कर रोजाना टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है। जिला स्तरीय टीकाकरण टॉस्क फोर्स की बैठकों के नियमित आयोजन के साथ-साथ स्थानीय संस्थाओं एवं नागरिक समाज की मदद से कोविड टीके के प्रति लोगों की हिचक को दूर किया जाना चाहिए। 5 जिलों में सभी स्कूलों में नल कनेक्शन का लक्ष्य हासिल अतिरिक्त मुख्य सचिव जलदाय श्री सुधांश पंत ने जल जीवन मिशन के तहत प्रत्येक घर को नल से जलापूर्ति के लिए विभिन्न जिलों की प्रगति रिपोर्ट की विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि कुछ जिलों मे मिशन के तहत निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति की गति धीमी है। उन्होंने कलेक्टराें से कहा कि जिला स्तरीय समिति की नियमित बैठक और इनमें मिशन के कार्यों की मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने बताया की 5 जिलों मे सभी स्कूलों में नल कनेक्शन का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है।प्रमुख शासन सचिव गृह श्री अभय कुमार ने बताया कि अधिकतर जिलों में पुलिस थानों में स्वागत कक्ष तैयार हो चुके हैंे। शेष जगहों पर निर्माण कार्य समय पर पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभिन्न जिलों में साइबर अपराधों की जांच के लिए विशेष अनुसंधान इकाइयां गठित की गई हैं।वन एवं पर्यावरण तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा ने बताया कि जिला कलेक्टर को बालिकाओं के संरक्षण और सामाजिक आर्थिक विकास के लिए नवाचार करने के लिए इस योजना के तहत उपलब्ध राशि का उपयोग करने की पूरी आजादी है। जिला अधिकारियों को समाज में घटते लिंगानुपात को सुधारने के लिए स्थानीय स्तर पर सृजनात्मक कार्यक्रम संचालित करने चाहिए। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव डॉ. समित शर्मा ने जिला अधिकारियों से अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत पीड़ितों को दी जाने वाली राहत राशि के वितरण में देरी पर चिंंता जाहिर की और लम्बित भुगतान जल्द करने को कहा। डॉ. शर्मा ने पालनहार सहित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के अधिकाधिक लाभान्वितों को अभियान के शिविरों के दौरान लाभान्वित करने का भी सुझाव दिया।—-