सांभर झील के निरीक्षण में नहीं मिले मृत पक्षी वन विभाग ने निरीक्षण के लिए बनाए रेस्क्यू सेंटर

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सांभर झील के निरीक्षण में नहीं मिले मृत पक्षीवन विभाग ने निरीक्षण के लिए बनाए रेस्क्यू सेंटरजयपुर, 19 नवंबर। वन एवं पर्यावरण विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा के निर्देश पर सांभर झील के पास मृत पक्षी मिलने की सूचना पर विभाग के अधिकारियों द्वारा गुरूवार एवं शुक्रवार को झील क्षेत्र में निरीक्षण किया गया। इस दौरान सांभर झील में मृत पक्षी नहीं मिले हैं। इस प्रकरण में वन विभाग की ओर से एहतियात के तौर पर रेस्क्यू सेंटर स्थापित किए गए हैं तथा झील क्षेत्र में लगातार निगरानी की जा रही है।प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन बल प्रमुख) डॉ. दीप नारायण पाण्डेय ने इस विषय में राज्य के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पाबंद किया है कि वन क्षेत्रों की निरंतर निगरानी करें और पक्षियों एवं प्राणियों में किसी तरह की बीमारी की सूचना तत्काल जिला प्रशासन, पशुपालन विभाग एवं वन विभाग में वरिष्ठ स्तर पर दें। उन्होेंने बताया कि पूरे राज्य में निर्देशानुसार निगरानी की जा रही है। पूरा वन विभाग चौकस है। साथ ही, प्रत्येक वन मंडल में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट की व्यवस्था भी की गई है।दो रेस्क्यू सेंटर के साथ बनाई एक अस्थाई चौकी उप वन संरक्षक जयपुर ने बताया कि गत दिवस सांभर कस्बे के नजदीक नगरपालिका के डंपिंग यार्ड में मृत कौवों की सूचना मिली। इस पर विभागीय कर्मचारी मौके पर पहुंचे और मृतक कौवे के शवों को कब्जे में लिया। पशुपालन विभाग की चिकित्सीय टीम ने मृतकों का पोस्टमार्टम करते हुए दो घायल कौवों का इलाज किया। वन विभाग की ओर से लगातार झील क्षेत्र की निगरानी की जा रही है, जिसके लिए तीन दल गठित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त रतन तालाब और नर्सरी काचरोदा में दो रेस्क्यू सेंटर बनाते हुए एक अस्थाई चौकी भी गठित की गई है। अजमेर जिले के कैचमेंट एरिया में नहीं मिले मृत पक्षीअजमेर और नागौर जिले की सीमा पर स्थित सांभर कैचमेंट एरिया में मृत पक्षी नहीं पाए गए हैं। उप वन संरक्षक अजमेर श्री सुनील छिद्रि ने बताया कि गत दिवस रेंज किशनगढ़ और नाका रुपनगढ़ झील क्षेत्र का निरीक्षण किया गया। ग्राम आऊ, सिनोदिया, झाग क्षेत्र में कहीं भी स्थानीय और प्रवासी पक्षी मृत नहीं पाए गए। स्थानीय लोगों से भी इस बारे में पूछताछ की गई, परंतु किसी भी प्रकार के पक्षियों के मृत होने की जानकारी सामने नहीं आई। उन्होंने बताया कि रुपनगढ़ उपखंड अधिकारी ने भी सांभर झील केचमेंट एरिया का निरीक्षण किया। उन्हें भी पक्षी मृत नहीं मिले। नागौर जिले में संयुक्त टीमों ने किया निरीक्षण सांभर झील के नागौर जिले में पड़ने वाले क्षेत्र में जिला कलेक्टर के आदेश पर वन, पशु पालन और राजस्व विभागों के अधिकारियों ने गुरूवार को निरीक्षण किया। निरीक्षण दल में उप वन संरक्षक नागौर, पशुपालन अधिकारी और तहसीलदार नावा शामिल थे। इस दौरान खाखड़की सड़क मार्ग के दोनों तरफ, शाकांभरी माता क्षेत्र आऊ, झाग, जाबदीनगर, गुढ़ासाल्ट और मोहनपुरा आदि क्षेत्रों में निरीक्षण के दौरान कहीं भी पक्षी मृत नहीं पाए गए। उप वन संरक्षक नागौर श्री ज्ञान चंद के अनुसार, झील में काफी संख्या में प्रवासी पक्षी देखे गए, इनमें लेजर फ्लैमिंगो, ब्लैक विंग स्टीलट, नॉर्थन शालवर, एवासेट, सैंडपाइपर प्रजाति के पक्षी शामिल थे। खाखड़की सड़क के किनारे दोनों तरफ छोटे-छोटे पक्षियों के पंख देखे गए। पक्षियों की मौजूदगी के चलते उनके पंख पाया जाना सामान्य है।उप वन संरक्षक ने बताया कि वन विभाग द्वारा अक्टूबर में ही अस्थाई गार्ड चौकी और रेस्क्यू सेंटर बनाया गया। यहां दिन-रात स्टाफ कार्यरत है। रेस्क्यू सेंटर पर पर्याप्त मात्रा में आवश्यक औषधियां और पीपीई किट उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू सेंटर पर गार्ड तैनाती के साथ-साथ वन विभाग द्वारा क्षेत्र की लगातार निगरानी की जा रही है। इसके तहत अभी तक कोई घायल या मृत पक्षी नहीं मिला है। कुचामन सिटी के क्षेत्रीय वन अधिकारी द्वारा भी अधीनस्थ स्टाफ को साथ लेकर सांभर झील में मॉनिटरिंग की जा रही है। कुचामन सिटी के पशुपालन विभाग द्वारा गठित दल नियमित रूप से सांभर झील का निरीक्षण कर रहे हैं। इसके अलावा निदेशालय स्तर पर गठित दल द्वारा प्रत्येक माह में झील क्षेत्र का निरीक्षण, सैंपलिंग और पशुपालन विभाग कुचामन सिटी द्वारा गठित दलों के उक्त कार्यों का अवलोकन किया जा रहा है।राजस्व विभाग की ओर से गठित दलों द्वारा भी नियमित रूप से झील क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। झील क्षेत्र से सटे पटवार मंडल नावा, खाखड़की, खारड़िया, जाबदीनगर और गुढ़ासाल्ट में लगने वाले पटवारियों को झील क्षेत्र में होने वाली सभी प्रकार की गतिविधियों की निगरानी के लिए पाबंद किया गया है। उनसे समय-समय पर रिपोर्ट ली जा रही है। साथ ही रिफाइनरी से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ को भी झील क्षेत्र डालने से रोका जा रहा है। अवैध बोरवेलों भी को नष्ट करते हुए केबलों को हटाकर लगातार कार्रवाई की जा रही है।—-