राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कोरोना की स्थिति पर चर्चा कोविड प्रोटोकॉल की पालना और वैक्सीनेशन पर जोर 12 साल से अधिक आयु के बच्चों का भी जल्द हो वैक्सीनेशन

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राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कोरोना की स्थिति पर चर्चाकोविड प्रोटोकॉल की पालना और वैक्सीनेशन पर जोर 12 साल से अधिक आयु के बच्चों का भी जल्द हो वैक्सीनेशनजयपुर, 19 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कोविड के बढ़ते संक्रमण पर चिंता व्यक्त की गई। बैठक में संक्रमण की रोकथाम के लिए कोविड प्रोटोकॉल की प्रभावी पालना तथा शत-प्रतिशत टीकाकरण पर बल दिया गया। बैठक में बताया गया कि विगत कुछ सप्ताह से पॉजिटिविटी दर लगातार बढ़ रही है। मात्र एक सप्ताह में यह दर 7.61 प्रतिशत से बढ़कर 15.52 प्रतिशत तक अर्थात् दोगुनी हो चुकी है। संक्रमण की इस गति को रोकने के लिए जरूरी है कि आमजन के द्वारा कोविड प्रोटोकॉल की निरंतर पालना की जाए। साथ ही संक्रमण को रोकने के लिए फोकस्ड  सैम्पलिंग की जाए। जिन लोगों में सर्दी, खांसी, जुकाम के लक्षण हैं, उनकी प्राथमिकता से जांच की जाए।यह भी बताया गया कि इस वायरस से छोटी आयु के बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं। देश की भावी पीढ़ी का जीवन सुरक्षित करना बेहद जरूरी है। दुनिया के कई देशाें में 2 साल की आयु तक के छोटे बच्चाें को वैक्सीन लग रही है, लेकिन भारत में फिलहाल 15 से 18 साल तक के किशोर वर्ग का वैक्सीनेशन हो रहा है। चूंकि हमारे देश के बच्चों में पोषण से संबंधित समस्याएं पहले से ही हैं। ऎसे में 12 साल से अधिक आयु के बच्चों का वैक्सीनेशन जल्द शुरू होना चाहिए। केन्द्र सरकार इस सम्बन्ध में जल्द निर्णय ले।बैठक में कहा गया कि केन्द्र सरकार ने प्रिकॉशन डोज 60 वर्ष से अधिक के को-मोर्बिड व्यक्तियों के लिए अनुमत की है, जबकि चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार को-मोर्बिड की स्थिति हर आयुवर्ग में हो सकती है। इसे देखते हुए बूस्टर डोज हर वर्ग के लिए अनुमत की जानी चाहिए। साथ ही प्रिकॉशन डोज के लिए 9 माह के अन्तराल को कम कर इसे 3 से 6 माह किया जाना आवश्यक है। चिकित्सा मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि प्रदेश में तीसरी लहर से मुकाबले के लिए पूरी तैयारी है। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से अधिक आयु के 94.4 प्रतिशत लोगों को पहली तथा 78 प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज लगा दी गई है। साथ ही 56.5 प्रतिशत किशोर-किशोरियों को पहली डोज लगाई जा चुकी है। इन सभी में राजस्थान का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। दिसम्बर माह में 1 करोड़ 31 लाख लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई गई थी। जनवरी माह में भी इसी भावना के साथ वैक्सीनेशन किया जा रहा है। शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री आशुतोष एटी पेंडनेकर ने कोविड संक्रमण की स्थिति, तीसरी लहर से मुकाबले के लिए विकसित की जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं एवं वैक्सीनेशन के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि बीते सप्ताह में एक्टिव केसेज की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई और वर्तमान में 69 हजार से अधिक एक्टिव केसेज हैं। उन्होंने बताया कि जिन जिलों में 90 प्रतिशत से कम लोगों को पहली डोज लगी है, वहां वैक्सीन वाहनों के माध्यम से टीकाकरण के लिए जागरूक किया जा रहा है।