Rajasthan : सीएम गहलोत का पलटवार,हम चार्टर प्लेन भेज रहे हैं,गृहमंत्री शाह राजस्थान आएं और कानून की करें समीक्षा।

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Rajasthan : सीएम गहलोत का पलटवार,हम चार्टर प्लेन भेज रहे हैं,गृहमंत्री शाह

राजस्थान आएं और कानून की करें समीक्षा।

विपक्ष द्वारा प्रदेश की बिगडती कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर साधें जा रहे निशाने के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय मंत्री को निवेदन करते हुए कहा है कि वो चार्टर प्लेन भेज रहे है। उसमे बैठकर गृहमंत्री राजस्थान आएं और कानून व्यवस्था की समीक्षा करें। जिससे विपक्ष कटाक्ष करना बंद करे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा के नेता राजस्थान में अपराधों को लेकर बार-बार श्रीमती प्रियंका गांधी को आमंत्रित करते हैं जबकि प्रियंका गांधी किसी संवैधानिक पद पर भी नहीं हैं।

ऐसे में उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह के लिए चार्टर प्लेन भेजकर निवेदन करना चाहेंगे कि वो राजस्थान आएं और यहां आकर प्रदेश में कानून व्यवस्था के संबंध में किए गए नवाचारों और अपराध के विरुद्ध की गई कठोर कार्रवाई की जानकारी लें। जिससे उनकी पार्टी द्वारा फैलाये जा रहे भ्रम दूर हो सकें।सीएम गहलोत ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2020 में लॉकडाउन होने के बावजूद जब पूरे देश में गत वर्ष की तुलना में अपराधों में 28.03 प्रतिशत की वृद्धि हुई तब राजस्थान में 14.46 प्रतिशत की कमी हुई। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 2020 में डकैती, लूट, अपहरण, बलात्कार, बलवा, नकबजनी, चोरी सहित सभी तरह के अपराधों में कमी आई है। इस दौरान अमित शाह के गृहराज्य गुजरात में तो अपराध में 62.29 प्रतिशत  की बढ़ोत्तरी हुई। वर्ष 2021 में भी राजस्थान में 2019 की तुलना में 4.77 प्रतिशत की कमी हुई है। सीएम गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने एफआईआर पंजीकरण अनिवार्य करने का साहस दिखाया। अनिवार्य एफआईआर पंजीकरण नीति लागू करते समय हमें पता था कि अपराध के आंकड़ों में बढ़ोत्तरी होगी एवं विपक्ष तथा मीडिया इस पर सवाल उठाएगा परन्तु हर पीड़ित को इंसाफ दिलाने के लिए हमने यह नीति लागू की।

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पहले पॉक्सो एक्ट के पीड़ित कार्रवाई ना होने के डर से मन मसोस कर रह जाते थे परन्तु अब उनका सरकार में भरोसा जागा है एवं वो एफआईआर दर्ज करवा रहे हैं। पुलिस हर एफआईआर  को एक तार्किक अंत तक पहुंचा रही है और अपराधियों को सजा मिल रही है।सीएम गहलोत ने कहा कि अनिवार्य एफआईआर पंजीकरण नीति लागू होने से पूर्व महिला अपराधों की 33.4 प्रतिशत FIR अदालतों सीआरपीसी 156 (3) से इस्तगासे के माध्यम से दर्ज होती थीं परन्तु इस नीति के बाद यह संख्या सिर्फ 16 प्रतिशत रह गई है। महिला अत्याचारों का अनुसंधान समय भाजपा सरकार के दौरान 2017-18 में 274 दिन हुआ करता था जो अब अब 79 दिन रह गया है। महिला अपराधों के लिए हर जिले में एडिशनल एसपी की नियुक्ति की गई है। अदालत से भी कोई अपराधी बच ना सके इसलिए लीगल ऑफिसर्स की नियुक्ति की है। इन सभी कदमों से पीड़ितों को राहत मिली है एवं अपराधियों में भय व्याप्त हुआ है।

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मैंने प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया कि पूरे देश में अनिवार्य एफआईआर पंजीकरण नीति लागू हो जिससे सभी प्रदेशों के सीएम गहलोत ने कहा किअसल आंकड़े सामने आ सकें परन्तु अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। अनिवार्य एफआईआर पंजीकरण के बावजूद अपराधों में कमी दिखाता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति भाजपा शासित राज्यों से बेहतर है। हमारी सरकार के 3 सालों में पॉक्सो एक्ट के 620 मामलों में सजा सुनाई गई है। इनमें 7 को फांसी एवं 137 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। हम भाजपा की तरह अपराध पर राजनीति नहीं करते अपितु अपराधियों को कठोर दंड देकर उन्हें अंजाम तक पहुंचाते हैं।