पॉलिटेक्निक के विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग क्षेत्र की नौकरियों में
प्लेसमेन्ट के करेंगे प्रयास – तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री
जयपुर, 11 फरवरी। तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने गुरूवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश में दूरस्थ क्षेत्रों में पॉलिटेक्निक के विद्यार्थियों के प्लेसमेंट के लिए सेंट्रल ई गवर्नेस सेंटर द्वारा प्लेसमेंट फेयर आयोजित कर विद्यार्थियों को लाभांवित किया जाता है। उन्होंने कहा कि पॉलिटेक्निक के विद्यार्थियों को जेईएन जैसी इंजीनियरिंग भर्तियों में पात्र माना जाए, इसके भी प्रयास किये जा रहे है। इससे उन्हें रोजगार के उचित अवसर मिलेंगे।
डॉ. गर्ग प्रश्नकाल में इस संबंध में विधायकों द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पॉलिटेक्निक विद्यार्थियों को अच्छी जगह प्लेसमेंट मिलें, इसके लिए न केवल कंपनियों को मोटिवेट किया जाता है, बल्कि विद्यार्थियों के लिए माइक्रोट्रोनिक्स तथा साइबर फॉरेंसिक एण्ड इंफॉरमेशन सिक्योरिटी जैसे कोर्स भी शुरू किये गये है। वर्तमान में निजी तथा सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेेजों में प्रवेश क्षमता के लगभग 50 प्रतिशत विद्यार्थी ही प्रवेश लेते हैं। ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को नये कोर्स में प्रवेश के लिए मोटिवेट किया जा रहा है। इससे स्थानीय स्तर पर भी प्लेसमेंट फेयर आयोजित करवाये जायेंगे जिससे अधिकतम विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
इससे पहले विधायक श्रीमती शकुन्तला रावत के मूल प्रश्न के जवाब में डॉ. गर्ग ने बताया कि राजस्थान में तकनीकी शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संचालित समस्त 44 राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में उद्योग संस्थान अन्योन्य अधिगमन प्रकोष्ठ ( Industry Institute Interaction Cell) स्थापित किए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि इनका मुख्य उद्देश्य उद्योग और शैक्षणिक संस्थान के बीच एक सेतु का कार्य करना है। ये प्रकोष्ठ औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के साथ उसको व्यवहारिक व रोजगारपरक बनाने का काम करते हैं। संस्थान और उद्योग के बीच अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करता है।
डॉ. गर्ग ने कहा कि इन प्रकोष्ठों के माध्यम से उद्योग की आवश्यकता के अनुरूप पाठ्यक्रम, संकाय व बुनियादी ढांचे में सुधार करना, उद्योग विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान, शिक्षा सत्र के दौरान औद्योगिक प्रशिक्षण, सेमीनार, कार्यशालाओं व तकनीकी वार्ता आदि का आयोजन किया जाता है। शिक्षा पूर्ण होने के पूर्व ही उद्योगों से समन्वय स्थापित कर शिक्षित विद्यार्थियों को रोजगार प्रदान करने में कैम्पस साक्षात्कार आयोजित करने में ये प्रकोष्ठ महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने बताया कि इन प्रकोष्ठों के माध्यम से द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रशिक्षण हेतु औद्योगिक इकाईयों में भेजा जाता है। सत्र 2020-21 में द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत छात्र जून-जुलाई 2021 में प्रशिक्षण हेतु जायेंगे । विगत 2 वषोर्ं में कुल 8346 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण के लिए औद्योगिक इकाइयों में भेजा गया। विगत 4 वर्षों में 1045 परिसर साक्षात्कार शिविर आयोजित कर कुल 4368 विद्यार्थियों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया, जिनका विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा।
डॉ. गर्ग ने कहा कि राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, बागीदौरा, बांसवाडा, भीलवाडा, बूंदी, डूंगरपुर, जालौर, झुंझुनूं, नागौर, नीमराणा, प्रतापगढ,सीकर,सिरोही में विद्यार्थियों की कम संख्या होने के कारण कम्पनियांं वहां आने को इच्छुक नहीं होती। बालिकाएं रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना चाहती, बल्कि स्वयं के या फैकल्टी के स्तर पर स्थानीय रोजगार प्राप्त करती हैं।
उन्हाेंने बताया कि राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, उदयपुर में सत्र 2018-19 से प्रारम्भ होने तथा राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, केलवाडा में सत्र 2019-20 से प्रारम्भ होने के कारण अंतिम वर्ष के विद्यार्थी नहीं है। डॉ. गर्ग ने बताया कि विगत 4 वर्षों में 13 प्रकोष्ठों द्वारा पाठ्यक्रम को उद्योगों की आवश्यकतानुसार परिवर्तित करने के सुझाव दिये गये। इन सुझावों के दृष्टिगत नॉन इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की 6 ब्रांच के प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम परिवर्तित कर सत्र 2020-2021 से लागू कर दिये गये हैं। नॉन इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की 6 ब्रांच के द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के पाठयक्रम परिवर्तन करने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि 03 नये ब्रांच का प्रथम वर्ष पाठ्यक्रम सत्र 2020-2021 से लागू कर दिया गया है। इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की 19 ब्रांच एवं तीन नवीन ब्रांचों के प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम को परिवर्तित कर सत्र 2021 से लागू कर दिये गये हैं।