दीपक हासानी को अजमेर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनवाने के लिए सिंधी समाज एकजुट।
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2 अगस्त को अजमेर के मेरवाड़ा एस्टेट होटल में सर्व सिंधी समाज की एक बैठक हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दीपक हासानी को अजमेर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाने की मांग की गई। बैठक में कुछ प्रतिनिधियों ने कहा कि कांग्रेस में सिंधी समुदाय की लगातार उपेक्षा हो रही है। अजमेर में उत्तर विधानसभा क्षेत्र सिंधी बहुल्य है, लेकिन गत तीन बार से गैर सिंधी को कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया जा रहा है, जबकि भाजपा हर बार सिंधी समुदाय के व्यक्ति को ही उम्मीदवार बनाती है। यही वजह है कि अजमेर उत्तर से कांग्रेस की लगातार हार हो रही है। वर्ष 2018 के चुनाव में अजमेर का सिंधी समाज दीपक हासानी के पक्ष में लामबंद था। हासानी ने अपनी दावेदारी भी जताई थी, लेकिन तब भी हासानी को उम्मीदवार नहीं बनाया गया। प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने जब जनवरी 2018 में लोकसभा का उप चुनाव लड़ा था, तब सिंधी समुदाय ने हासानी के कहने पर ही कांग्रेस के पक्ष में वोट दिया। यही वजह रही कि रघु शर्मा अजमेर शहर के दोनों विधानसभा क्षेत्र से विजयी रहे। कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रतिनिधि होने के नाते हासानी लगातार सक्रिय रहे, लेकिन कांग्रेस में सिंधी समुदाय को उचित सम्मान नहीं मिला। अब हासानी को अजमेर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष मनोनीत कर सिंधी समुदाय को प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है। यदि हासानी को अध्यक्ष बनाया जाता है तो 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति मजबूत रहेगी। हालांकि बैठक में दीपक हासानी स्वयं उपस्थित नहीं थे, लेकिन सिंधी समाज की विभिन्न संस्थाओं के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे। इनमें राजेश आनंद, ईश्वर टहलियानी, लक्ष्मण सतवानी, हरी चंदनानी, जगदीश अभिचंदानी, मोहन भोजनवानी, नारायण दास, अजीत मूलानी, अनिला केसवानी, कमल सहानी, शास्त्री केडी आनंद, मोतीराम मुखी, संतराम, दयाल लवनानी, रमेश टिलवानी, महेश इसरानी, वासुदेव सोनी, गिरीश भाशानी, कालू बुधवानी, राजकुमार कलवानी, विक्रम वाधवानी, भगवान चंदीराम, गिरीश असनानी, विजय हंसराजानी, तीरथ गोरानी, गुरमुख बत्रा, चंद्र गोकलानी, शिव भागनानी, जोधा टेकचंदानी, राजा जेठानी, हरीराम कोडवानी, दिनेश मुरजानी, नीरज पारवानी, मोहन सोनी, प्रदीप रोचवानी आदि शामिल थे।
तेजवानी के लिए भी हुई थी बैठक:
कांग्रेस के एक अन्य नेता और वरिष्ठ पत्रकार गिरधर तेजवानी के समर्थन में भी विगत दिनों सिंधी समुदाय की एक बैठक हुई थी। इस बैठक में तेजवानी को भी प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की गई थी। इस बैठक में भी यही तर्क दिया गया कि कांग्रेस को सिंधी समुदाय को प्रतिनिधित्व देना चाहिए।