चारागाह भूमि को औद्योगिक कार्य के लिए आवंटित करने के विरोध में 31 अगस्त को विधायक सुरेश टाक के नेतृत्व में अजमेर कलेक्ट्रेट पर ग्रामीणों का प्रदर्शन।
किशनगढ़ के पूर्व कांग्रेसी विधायक नाथूराम सिनोदिया के परिवार से जुड़ा है आवंटन।
==========
अजमेर के किशनगढ़ उपखंड की खातोली ग्राम पंचायत के काली डूंगरी गांव की 13 बीघा चरागाह भूमि औद्योगिक इकाई लगाने के लिए आवंटित करने के विरोध में 31 अगस्त को दोपहर को जिला कलेक्ट्रेट पर सैकड़ों ग्रामीण प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन किशनगढ़ के निर्दलीय विधायक सुरेश टाक के नेतृत्व में किया जाएगा। टाक ने कहा कि यदि इस प्रदर्शन के बाद भी प्रशासन ने आवंटन को रद्द नहीं किया तो इस मामले को विधानसभा के मानसून सत्र में उठाएंगे। प्रशासन ने 16 बीघा चरागाह भूमि का आवंटन ग्रामीणों की भावनाओं के विरुद्ध किया है। इतनी बड़ी भूमि कम होने से पशुपालकों को काली डूंगरी क्षेत्र में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। टाक ने कहा कि एक और राज्य सरकार ग्रामीण विकास के लिए अनेक योजनाएं चला रही है तो दूसरी तरफ चारागाह भूमि को खुर्दबुर्द किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे पूरी तरह ग्रामीणों के साथ है और किसी भी कीमत पर चारागाह भूमि का आवंटन दूसरे कार्य के लिए नहीं होने दिया जाएगा। आवंटन को रद्द करवाने के संबंध में ही 31 अगस्त को जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को ज्ञापन भी दिया जाएगा। वहीं खातोली ग्राम पंचायत के वार्ड पंच बजरंग लाल चौधरी ने बताया कि कांग्रेस के पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया के पौत्र रवि सिनोदिया को काली डूंगरी में 16 बीघा भूमि औद्योगिक इकाई लगाने के लिए दिए जाने का आदेश जिला प्रशासन को प्राप्त हुआ है। अभी यह मामला ग्राम पंचायत के समक्ष विचाराधीन है, लेकिन यदि 16 बीघा भूमि आवंटित की जाती है तो ग्रामीणों को भारी परेशानी होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का राज है इसलिए प्रशासन का दुरुपयोग किया जा रहा है। लेकिन इस कार्यवाही से ग्रामीणों में जबरदस्त रोष है। ग्रामीण किसी भी कीमत पर जमीन का आवंटन नहीं होने देंगे।
50 करोड़ की भूमि:
चूंकि खातोली ग्राम पंचायत किशनगढ़ क्षेत्र से जुड़ी हुई है इसलिए इस ग्राम पंचायत में भी ग्रेनाइट और मार्बल पत्थर काटने की बड़ी बड़ी मशीनें लगाई हुई है। यही वजह है कि यहां भूमि बहुत महंगी है, जो 16 बीघा भूमि कांग्रेस के पूर्व विधायक सिनोदिया के पौत्र को आवंटित की गई है उसकी कीमत 50 करोड़ रुपए बताई जा रही है। ग्रामीणों ने इस संबंध में अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी को भी एक ज्ञापन दिया है। सांसद चौधरी से भी सहयोग की अपेक्षा जताई गई है। हालांकि इस मामले में सांसद चौधरी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं सिनोदिया परिवार का कहना है कि भूमि का आवंटन नियमानुसार हुआ है।