प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए सक्सेस का गोल्डन चांस, हर साल हजारों को मिलेगा मौका

मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना: जानें क्या—क्या है खास

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना में विभिन्न वर्गों के 10 हजार विद्यार्थियों को लाभान्वित करने की मंजूरी दी है। इस योजना से हर वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को आगे बढ़ने के समान अवसर मिल सकेंगे। प्रस्ताव के अनुरूप संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के लिए 200, राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के लिए 500, सब-इंस्पेक्टर एवं पे-मेट्रिक्स लेवल-10 एवं इससे ऊपर की अन्य परीक्षाओं के लिए 800, रीट के लिए 1500, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की पे-मेट्रिक्स 5 से पे-मेट्रिक्स 10 तक की परीक्षाओं के लिए 1200, कांस्टेबल परीक्षा के लिए 800, इंजीनियरिंग/मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए 4000 तथा क्लेट के लिए 1000 विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष योजना का लाभ मिल सकेगा।

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पटवारियों के अतिरिक्त भत्तों में 50 प्रतिशत बढ़ोतरी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पटवारियों को उनके विशेष भत्ते और अन्य पटवारी के पद का अतिरिक्त कार्य करने के लिए अतिरिक्त कार्य भत्ते की राशि में 50 प्रतिशत बढ़ोतरी के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है। प्रस्ताव के अनुसार, पटवारी कैडर के लिए बहुआयामी भत्ते (हार्ड ड्यूटी अलाउंस) की राशि 1500 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 2250 रुपए प्रतिमाह तथा अतिरिक्त कार्य भत्ता राशि 2500 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 3750 रुपए प्रतिमाह की जाएगी।

डोर-टू-डोर सर्वे कर सभी पात्र परिवारों को योजना से जोडे़ं

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्देश दिए कि डोर-टू-डोर सर्वे कर मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा के तहत सभी पात्र परिवारों को जोड़ा जाना सुनिश्चित करें। ये योजना जनता को उपचार के महंगे खर्च से बचाएगी और राजकीय अस्पतालों के साथ-साथ लोगों को निजी अस्पतालों में भी कैशलेस इलाज ले सकेंगे। एक भी जरूरतमंद पात्र परिवार योजना में रजिस्ट्रेशन से वंचित नहीं रहे। उन्होंने कहा कि शहरों के साथ-साथ निचले स्तर तक बड़े और अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं वाले अधिकाधिक निजी अस्पतालों को इस योजना में जोड़ा जाए। गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मुख्यमंत्री चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की समीक्षा कर रहे थे।

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कैशलेस डेस्क बनें
गहलोत ने कहा कि लोगों को अस्पतालों में इस योजना का लाभ लेने में किसी तरह की परेशानी नहीं आए, इसके लिए वहां हैल्प डेस्क बनाई जाएं। साथ ही अस्पतालों में रोगियों और उनके परिजनों को योजना से संबंधित तमाम जानकारी उपलब्ध करवाने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित हो। योजना के तहत हर स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग की जाए। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा और ने भी सम्बोधित किया।