पांच रेलवे स्टेशन पर जनरल टिकट सिस्टम को पीआरएस यानि रिजर्वेशन सिस्टम में किया है तब्दील
छोटे रेलवे स्टेशनों पर मिलना शुरु हुआ रिजर्वेशन टिकट-गंगापुर सिटी
कोरोनाकाल में धीरे-धीरे अनलॉक हो रहा है, लेकिन अभी भी रेलवे की ओर से पूरी तरह से ट्रेनों का संचालन शुरु नहीं किया गया है। हालांकि जिन ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है, उनमें सामान्य श्रेणी के यात्रियों को सफर की अनुमति नहीं हैं, केवल रिजर्वेशन कराकर ही ट्रेनों में यात्रा की जा सकती है। गंगापुर सिटी रेल स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा को देखते हुए रेलवे की ओर से रेल स्टेशन पर एक अतिरिक्त आरक्षित विंडों खोलने की स्वीकृति जारी कर दी। लेकिन अभी तक खुली नहीं है।इसके अलावा तीन अन्य स्टेशनों पर भी अतिरिक्त आरक्षित विंडो खोलने की स्वीकृति जारी की गई है। यही नहीं कोटा रेल मंडल के पांच छोटे रेल स्टेशनों पर रिजर्वेशन टिकट जारी करने की सुविधा शुरु की गई है। इस व्यवस्था से यात्रियों को काफी सहूलियत मिल सकेगी।आरक्षण कक्ष प्रभारी देवी सिंह मीना ने बताया कि अतिरिक्त विंडो खोलने के आदेश दे दिए गए, लेकिन कर्मचारियों की कमी के चलते अभी तक तीसरी आरक्षति खिड़की नहीं खोली गई है।
5 स्टेशनों पर यूपीएस कम पीआरएस की सुविधा शुरू
स्टेशन अधीक्षक छुट्टन लाल मीना ने बताया कि रेलवे की ओर से चलाई जा रही स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करने के लिए आरक्षित टिकट यात्रियों को उपलब्ध कराने के लिए कोटा रेल प्रशासन ने अब 5 स्टेशनों पर यूपीएस कम पीआरएस की सुविधा शुरू की है। इन स्टेशनों पर अब आरक्षित टिकट मिल सकेंगे।स्पेशल ट्रेन चलाने के कारण सभी यात्रियों को आरक्षित टिकट लेकर यात्रा करना पड़ रहा है। रेलवे प्रशासन ने अब चार रेलवे स्टेशन गंगापुर सिटी,हिंडौन सिटी, श्रीमहावीरजी, बयाना जहां पीआरएस पहले से चल रहे हैं, वहां एक-एक विंडो और बढ़ा दी है। फतेह सिंह पुरा, खंडीप, निमोदा, पीलोदा, मलारना में जनरल टिकट सिस्टम को पीआरएस यानी रिजर्वेशन सिस्टम में तब्दील कर दिया है।<स्रद्ब1>कोरोनाकाल से पहले पैसेंजर के रुप में संचालित होने वाली जयपुर-बयाना ट्रेन वर्तमान रिजर्व ट्रेन के रुप में दौड़ रही है। दैनिक यात्री संघ के अध्यक्ष डॉ मनोज शर्मा ने बताया कि18 जनवरी से भले ही जयपुर-बयाना ट्रेन का संचालन शुरु कर दिया गया हो, लेकिन इस ट्रेन को पैसेंजर के बजाय एक्सप्रेस के रुप में किया जा रहा है। जिसमें सफर करने से पहले रिजर्वेशन कराना होगा और किराया भी महंगा लगेगा। ऐसे में छोटे स्टेशनों के यात्रियों को इस ट्रेन के संचालन से कोई फायदा नहीं हो रहा है।पहले जहां इस ट्रेन में सफर करने के लिए गंगापुर से हिण्डौन के मध्य 45 किमी तक 10 रुपए किराया लगता था, लेकिन अब 10 से 15 किमी के भी 45 देने पड़ रहे हैं। क्योंकि कम से कम किराया 45 रुपए निर्धारित किया गया है। यही नहीं ऑनलाइन टिकट कराने पर 17 रुपए अतिरिक्त शुल्क लगते हैं।किराए में 10 फीसदी की छूट
कोरोना संकट की वजह से ट्रेनों में अभी सीटें खाली जा रही है और रेलवे घाटे से बचने के लिए अपने यात्रियों को किराए में छूट दे रही है ताकि मुसाफिरों को यात्रा में सुविधा मिले और सीट खाली नहीं जाए और रेलवे की झोली भी भर जाए। ट्रेन छूटने के निर्धारित समय से 4 घंटे पहले बनने वाले चार्ट के बाद बर्थ खाली होने पर यात्रियों को किराए में 10 फीसदी की छूट मिलेगी। इस सुविधा का लाभ ट्रेन छूटने के आधे घंटे पहले (आफ्टर चार्टिंग) तक करंट टिकट लेने पर मिलेगा।