काशी मंदिर-मस्जिद मामले में मस्जिद पक्षकार ने वापस ली निगरानी याचिका
उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मस्जिद पक्षकार की ओर से डाली गई निगरानी याचिका को जिला जज की अदालत से वापस ले लिया गया है. इसी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सवाल उठाया गया था कि हाईकोर्ट में याचिका क्यों दायर की गई और चुनौती दी गई?
अंजुमन इंतजामिया मस्जिद और यूपी सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक्फ की ओर से सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ जिला जज की अदालत में निगरानी याचिका के लिए आवेदन दिया गया था जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद के पुरातात्विक सर्वेक्षण का निर्णय दिया गया था.
पुरातात्विक सर्वेक्षण के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मस्जिद और यूपी सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक्फ ने पहले ही निगरानी याचिका हाईकोर्ट में दाखिल कर रखी है. एक ही मामले में 2 अदालतों में सुनवाई नहीं हो सकती थी, जिसकी वजह से मुस्लिम पक्षकारों ने वाराणसी जिला जज की अदालत से निगरानी याचिका को वापस ले लिया है.
इस बारे में जानकारी देते हुए अंजुमन इंतजामिया मस्जिद के ज्वाइंट सेक्रेटरी और अंजुमन इंतजामिया मस्जिद तथा यूपी सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक्फ के पक्षकार सैयद मोहम्मद यासीन ने बताया कि वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत ने 8 अप्रैल को केस की सुनवाई के दौरान एक आदेश दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद का ASI सर्वे करे, जो बिल्कुल गलत था और कोर्ट के अधिकार क्षेत्र के बाहर था. इसी फैसले के खिलाफ वाराणसी के जिला जज की अदालत में एक रिवीजन फाइल किया था, लेकिन रिवीजन एडमिशन के लेवल पर ही था और सिर्फ तारीखें पड़ रही थी.