अफगानिस्तान बना नर्किस्तान! खुद को हारते देख राष्ट्रपति गनी ने तालिबान को दिया सत्ता में साझेदारी का प्रस्ताव
तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान को नर्किस्तान में बदल दिया है. जहां देखो वहीं तबाही का मंजर नजर आता है. अब वहां की सरकार ने तालिबान को जंग खत्म करने के लिए सत्ता में साझेदार बनाने का प्रस्ताव दिया है. समाचार एजेंसी एएफपी ने सूत्रों के हवाले से ये खबर छापी है. सूत्र ने एएफपी एजेंसी से बताया कि उनकी सरकार ने मध्यस्थता कर रहे कतर को ये प्रस्ताव भेजा है. अफगानिस्तान की अशरफ गनी की सरकार ने हिंसा रोकने के लिए तालिबान को सरकार में हिस्सेदार बनाने का प्रस्ताव दिया है.
अफगानिस्तान की सरकार से जुड़े एक सूत्र ने अलजजीरा को बताया कि अफगान सरकार ने तालिबान को सत्ता में साझेदार बनाने का प्रस्ताव दिया है ताकि देश में जारी हिंसा का दौर थम जाए. अमेरिकी प्रतिनिधि जालमाय खालिजाद अफगानिस्तान के मुद्दे पर होने वाली एक अंतरराष्ट्रीय बैठक के लिए कतर पहुंचे हैं. अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा के लिए इस सप्ताह दोहा में दो अहम बैठकें हो रही हैं. नेड प्राइस ने कहा कि बैठक में अफगानिस्तान में हिंसा रोकने और बलपूर्वक आई किसी भी सरकार को मान्यता ना देने को लेकर प्रतिबद्धता जाहिर की जाएगी.
पाकिस्तान ने भी अपने विशेष दूत मोहम्मद सादिक और काबुल के अपने राजदूत मंसूर खान को कतर भेजा है. वहीं, अफगानिस्तान की सरकार की तरफ से भी एक प्रतिनिधिमंडल इन बैठकों में शामिल होगा. अफगान प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व हाई काउंसिल फॉर नेशनल रिकॉन्सिलेनशन के अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला करेंगे. अफगानिस्तान में रूस के दूत जमीर काबुलोव और चीन की तरफ से राजदूत यु शियाओ योंग भी बैठक में शामिल होंगे.
तालिबान ने कल रणनीतिक नजरिए से अहम शहर गजनी को भी अपने नियंत्रण में ले लिया. गजनी शहर काबुल से सिर्फ 150 किमी दूर है. अब तक तालिबान ने 10 प्रांतीय राजधानियों को अपने कब्जे में ले लिया है. अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि की है. अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मिरवाइज स्टैनजाई ने मीडिया से बताया कि दुश्मनों ने शहर पर कब्जा कर लिया है लेकिन लड़ाई जारी रहेगी.
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान की सरकार ने उत्तरी और पश्चिमी अफगानिस्तान के अधिकतर हिस्से गंवा दिए हैं और कई अहम शहरों पर से भी उसका नियंत्रण कमजोर हो रहा है. जल्द ही कई अहम इलाके तालिबान के हाथों में जाने वाले हैं.