चीन-पाक़ की चाल नाकाम, तालिबान को UN में नही बोलने दिया जाएगा

चीन-पाक़ की चाल नाकाम, तालिबान को UN में नही बोलने दिया जाएगा

संयुक्त राष्ट्र में तालिबान को लेकर पाकिस्तान और चीन का प्लान फेल हो गया है. संयुक्त राष्ट्र ने तालिबानी सरकार को महासभा में संबोधित पर कोई फैसला नहीं दिया है. अगर यूएन के फोरम पर तालिबान को अपनी बात रखने का मौका दिया जाता है तो इसका सीधा ये मतलब निकाला जाता कि तालिबान को पूरी दुनिया ने मान्यता दे दी है और पश्चिमी देश इस फैसले के खिलाफ जा सकते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि तालिबान को यूएन जनरल असेंबली में शामिल कराने की बात पर पाकिस्तान और चीन की चाल नाकाम हो चुकी है.

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यूएन में अफगानिस्तान के राजनयिक मिशन पर अपदस्थ अशरफ गनी सरकार की प्रतिनिधि को ही मान्यता मिली हुई है. इतना ही नहीं, अफगान दूत ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के सेशन में हिस्सा भी लिया था. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, अभी अफगान सरकार के प्रतिनिधि तब तक संयुक्‍त राष्‍ट्र में मिशन पर कब्‍जा किए रहेंगे, जब तक परिचय पत्र देने वाली यूएन कमिटी इस पर फैसला नहीं ले लेती है.