रिपोर्ट में विपक्ष पर मार्शलों को घसीटने और गर्दन पकड़ने का लगा गंभीर आरोप, पीठासीन अधिकारी नाराज, उठाए जा सकते हैं सख्त कदम

रिपोर्ट में विपक्ष पर मार्शलों को घसीटने और गर्दन पकड़ने का लगा गंभीर आरोप, पीठासीन अधिकारी नाराज, उठाए जा सकते हैं सख्त कदम

संसद का मॉनसून सत्र आज खत्म हो गया, लेकिन इस दौरान विपक्ष के लगातार हंगामे के बीच सुचारू रुप से कार्यवाही नहीं चल सकी. मॉनसून सत्र में हुए हंगामे को लेकर लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति के बीच बैठक हुई और दोनों ने इस बारे में कड़ा कदम उठाए जाने की जरुरत पर बल दिया.

वहीं राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे और मार्शलों से उलझने का मुद्दा गरमाता जा रहा है. पहले विपक्षी दलों ने सरकार पर सांसदों को मार्शलों से पिटवाने के आरोप लगाए. उसके बाद सदन के भीतर का सीसीटीवी फुटेज आ गया, जिसमें विपक्षी सांसद ही मार्शलों से उलझते दिखे. सरकार ने पलटवार करते हुए विपक्ष पर शर्मनाक हरकत करने और महिला मार्शल तक से बदसलूकी का आरोप लगाया. सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद अब खुद महिला मार्शल भी सामने आई है और आरोप लगाया है कि 2 महिला सांसदों ने उन्हें जबरदस्ती घसीटा.

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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सिक्यॉरिटी असिस्टेंट अक्षिता भट और राकेश नेगी ने पार्लियामेंट सिक्यॉरिटी सर्विस के डायरेक्टर (सिक्यॉरिटी) को दी गई अपनी लिखित रिपोर्ट में कहा है कि सांसदों ने उनके साथ बदसलूकी की. महिला मार्शल ने लिखा है, दोनों महिला सांसदों छाया वर्मा और फूलो देवी नेताम ने मेरा हाथ पकड़कर जबरदस्ती घसीटा ताकि पुरुष सांसद सुरक्षा घेरे को तोड़ सकें. अक्षिता भट ने आगे लिखा है, प्रोटेस्ट में शामिल कुछ पुरुष सांसद मेरी तरफ दौड़े और सुरक्षा घेरे को तोड़ने की कोशिश की. जब मैंने प्रतिरोध किया तब सांसद छाया वर्मा और फूलो देवी नेताम बगल में हट गईं और पुरुष सांसदों को आक्रामक ढंग से सुरक्षा घेरा तोड़ने और टेबल तक पहुंचने का रास्ता दिया.

राकेश नेगी के आरोप तो और भी गंभीर हैं. संसद सुरक्षा सेवा के निदेशक को दी गई रिपोर्ट में उन्होंने लिखा है, इस दौरान सीपीएम सांसद एलामारन करीम ने मेरी गर्दन को पकड़ लिया ताकि वह मुझे सुरक्षा घेरे की कड़ी से बाहर घसीट सकें, इससे मेरा दम घुंटने लगा और सांस लेने में दिक्कत होने लगी. 11 अगस्त 2021 को राज्यसभा चैंबर के भीतर मुझे मार्शल की ड्यूटी के लिए तैनात किया गया था. सांसदों एलामारन करीम और अनिल देसाई ने मार्शलों के सुरक्षा घेरे को तोड़ने की कोशिश की.

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जिस पर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर किए जाने के लिए दोनों पीठासीन अधिकारी मिले. दोनों पीठासीन अधिकारियों ने माना कि संसद में लगातार हुए हंगामे और पीठ की अपील के बाद भी विघ्न ने देश की सर्वोच्च विधायिका की छवि और गरिमा को नुकसान पहुंचाया है. इस बारे में कड़ा कदम उठाए जाने की जरुरत है. पीठासीन अधिकारियों का मानना था कि भूतकाल में हुई इस तरह की घटनाओं का अध्ययन किया जाएगा और उस समय जो कार्रवाई की गई उस पर विचार होगा ताकि भविष्य में ऐसे मामलों के लिए कार्रवाई तय हो सके. दोनों पीठासीन अधिकारियों ने माना कि कुछ सदस्यों के व्यवहार के कारण सदन के अधिकांश सांसदों के अधिकारों पर असर पड़ रहा है.