राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 को आज देश के सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। शुरुआती अनुमानों के तहत, सर्वेक्षण में 24 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों केलगभग 96 प्रतिशत स्कूलों से और कक्षा 3, 5, 8 व 10 के लगभग 92 प्रतिशत बच्चों से नमूने प्राप्त हुए। राष्ट्रीय उपलब्ध सर्वेक्षण (एनएएस) इस बात की एक गहन समझ विकसित करने के क्रम में सूचनाएं जुटाने की एक प्रक्रिया है कि विद्यार्थी क्या जानते हैं, समझते हैं और अपने शैक्षणिक अनुभवों के परिणामस्वरूप अपने ज्ञान के साथ क्या कर सकते हैं। यह प्रक्रिया व्यवस्थित हस्तक्षेपों के माध्यम से अंततः विद्यार्थियों के सीखने और विकास के परिणामों में सुधार के साथ समाप्त होगी। उपलब्धि सर्वेक्षण नमूना स्कूलों में उपलब्ध शिक्षा के विभिन्न माध्यमों में आयोजित किया गया।
एनएएस वैज्ञानिक रूप से तैयार किया गया उपलब्धि सर्वेक्षण है। एनएएस की इस प्रक्रिया में उपकरण विकास, नमूना डिजाइन और परीक्षा का वास्तविक प्रबंधन शामिल है। ग्रेड वार विषय केंद्रित शिक्षा के परिणामों की पहचान की गई है, जिनका एनएएस के माध्यम से आकलन किया गया है। उपकरणों को कुछ इस तरह से विकसित किया गया है कि यह वैज्ञानिक शिक्षा के परिणामों का आकलन कर सकता है। एक नोडल शैक्षणिक संस्था होने के नाते, एनसीईआरटी ने उपकरण विकास, परीक्षा कराई है, परीक्षा सामग्रियों को अंतिम रूप दिया है। एक नमूना आधारित सर्वेक्षण होने के कारण, डाटा को ज्यादा प्रतिनिधित्वपूर्ण और प्रमाणिक बनाने के लिए नमूना डिजाइन महत्वपूर्ण है। नमूना डिजाइन, अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के तहत एक वैज्ञानिक तरीके से किया गया है। स्कूली शिक्षा विभाग के बाहर की थर्ड पार्टी मूल्यांकन एजेंसी होने के नाते सीबीएसई ने उच्च स्तर की विश्वसनीयता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ भागीदारी में नमूना स्कूलों में परीक्षा का वास्तविक प्रबंधन किया है।
छात्रों, शिक्षकों और स्कूलों की विभिन्न व्यवस्थाओं और योजनाओं की जानकारी हासिल करने के लिए विद्यार्थी उपलब्धि परीक्षण के अलावा छात्र प्रश्नावली, शिक्षकों की प्रश्नावली और स्कूल प्रश्नावली भी प्राप्त की गई हैं। इससे शिक्षा प्रणाली को व्यापक रूप से समझने के लिए पृष्ठभूमि, शिक्षक प्रशिक्षण, ग्रामीण-शहरी,ऑनलाइन शिक्षा की प्रभावशीलता आदि के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्राप्त होगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) जारी होने के बाद एनएएस 2021 पहला उपलब्धि सर्वेक्षण है। इस आकलन को प्रक्रिया कौशल और शिक्षा परिणामों जैसे मानकों के विपरीत छात्रों की शिक्षा को बेंचमार्क करने में इस्तेमाल किया जाएगा। एनएएस 2021, एनईपी 2021 में परिकल्पित कंटेंट और स्मृति आधारित आकलन की तुलना में योग्यता आधारित मूल्यांकन प्रणाली को लागू करेगा।
कोविड महामारी के चलते स्कूल बंद करने पड़ गए थे और इससे विभिन्न स्तरों पर शिक्षा बाधित हुई थी। जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आवश्यक कदम उठाने के उद्देश्य से शिक्षा क्षेत्र की सेहत का विश्लेषण और परीक्षण करने के लिए बच्चों के विकास और सीखने की क्षमताओं का मूल्यांकन करना बेहद जरूरी है। स्कूलों के बंद होने का छात्रों की शिक्षा पर असर का मूल्यांकन करने के लिए लॉकडाउन से पहले और बाद में शिक्षा व्यवस्था को आकलन आवश्यक है। शुरुआती ग्रेड के छात्रों पर आकलन को पढ़ने और गणित जैसे मुख्य विषयों पर केंद्रित किया गया है, जिससे समय रहते सुधारात्मक उपाय करने के लिए पर्याप्त अवसर मिलेंगे। इसके अलावा, इसमें न सिर्फ ज्ञान संबंधी शिक्षा बल्कि अन्य कौशलों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है, जो बच्चे महामारी के दौरान घर पर रहते हुए सीख सकते हैं। इसमें पेंटिंग, खाना पकाना, फोटोग्राफी, पढ़ना, बागवानी आदि शामिल हैं। सर्वेक्षण में बढ़-चढ़कर भागीदारी से स्कूलों में सामान्य कामकाज शुरू करने में सहायता मिलेगी।
एनएएस 2021 के नतीजे जिला रिपोर्ट कार्ड, राज्य/ केंद्र शासित प्रदेशों रिपोर्ट और राष्ट्रीय रिपोर्ट के रूप में तैयार किए जाएंगे। एनएएस से राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शिक्षा परिणामों में खामियों की पहचान करने और सुधार संबंधी कदम उठाने में सक्षम हो जाएंगे। इससे देश में शिक्षकों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े अधिकारियों में क्षमता विकास में सहायता भी मिलेगी। आकलन के परिणाम से आगे शोध एवं विकास के दायरे को आगे बढ़ाने वाले प्रमाण और डाटा बिंदुओँ का एक समृद्ध भंडार भी उपलब्ध होगा।
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