कोटा: कोटा स्टेशन से मात्र 6 किलोमीटर दूर स्थित गुडला की किस्मत जल्द ही बदलने वाली है। यहां कोटा मंडल का दूसरा और राजस्थान का पहला विद्युत इंजन (एसी लोको) शेड खुलने की संभावना है। रेलवे बोर्ड इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
पश्चिम-मध्य रेलवे ने दी हामी: रेलवे बोर्ड ने इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए पश्चिम-मध्य रेलवे के जबलपुर मुख्यालय को भेजा था, जिसने गुरुवार को ही इस पर अपनी सहमति दे दी है। अब उम्मीद है कि रेलवे बोर्ड जल्द ही इस शेड को मंजूरी दे देगा और आगामी बजट में इसकी घोषणा कर सकता है।
5000 लोगों को रोजगार: अगर गुडला में यह लोको शेड बनता है तो इससे करीब 5000 लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है। अधिकारियों का मानना है कि कोटा संभाग में कई ताप विद्युत गृह और उर्वरक उद्योग हैं। बीना-कोटा खंड के दोहरीकरण और विद्युतीकरण के बाद मालगाड़ियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। विद्युत इंजनों की कमी के कारण मालगाड़ियों का सुचारू संचालन प्रभावित हो रहा है।
कोटा के लिए महत्वपूर्ण: कोटा मंडल का मौजूदा लोको शेड तुगलकाबाद (टीकेडी) में है, जो कोटा से काफी दूर है। इसके अलावा, यह उत्तर रेलवे को भी इंजनों की आपूर्ति करता है। ऐसे में कोटा के पास गुडला जंक्शन पर एक लोको शेड होने से रेल संचालन सुचारू रूप से चल सकेगा।
14 साल से चल रहा था प्रयास: कोटा में एसी लोको शेड खोलने के प्रयास पिछले 14 सालों से चल रहे हैं। 2010 में पहली बार कोटा वर्कशॉप के पास यह शेड खोलने का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन बाद में इसे गंगापुर में शिफ्ट करने की मांग उठी थी। इस वजह से यह मामला लंबे समय तक लटका रहा। अब गुडला में इस शेड के लिए करीब 128.57 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
गुडला में उम्मीद: पश्चिम-मध्य रेलवे के प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक गुरुंदर मोहन ने बताया कि गुडला में एसी लोको शेड खुलने की संभावना है और अंतिम निर्णय रेलवे बोर्ड को लेना है।
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निष्कर्ष: कोटा में एसी लोको शेड खुलने से क्षेत्र का विकास होगा और हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। यह रेलवे के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
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