नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में किसानों के लिए कई अहम घोषणाएं की हैं। इनमें से एक प्रमुख घोषणा 'पीएम धन धन्य कृषि योजना' है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कम उत्पादकता वाले जिलों में कृषि को बढ़ावा देना है।
योजना के मुख्य बिंदु:
- 100 जिलों में लागू: यह योजना देश के 100 ऐसे जिलों में लागू की जाएगी, जहां कृषि उत्पादकता कम है, फसलों की पैदावार कम है और किसानों को ऋण की उपलब्धता भी औसत से कम है।
- राज्य सरकारों के साथ साझेदारी: यह योजना केंद्र और राज्य सरकारों की संयुक्त पहल होगी।
- मौजूदा योजनाओं का समन्वय: इस योजना के तहत मौजूदा कृषि योजनाओं और विशेष उपायों को एक साथ लाया जाएगा, ताकि किसानों को अधिकतम लाभ मिल सके।
- ग्रामीण समृद्धि पर ध्यान: इस योजना का मुख्य फोकस ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि लाना है।
योजना के पांच प्रमुख क्षेत्र:
- कृषि उत्पादकता बढ़ाना: बेहतर कृषि तकनीकों का उपयोग करके कृषि उत्पादकता को बढ़ाया जाएगा।
- फसल विविधीकरण: किसानों को दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करने के लिए फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
- भंडारण सुविधाएं: फसल की बर्बादी को कम करने के लिए पंचायत और ब्लॉक स्तर पर कटाई के बाद भंडारण सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
- सिंचाई में सुधार: कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए सिंचाई सुविधाओं में सुधार किया जाएगा।
- ऋण की उपलब्धता: किसानों को बेहतर कृषि पद्धतियों में निवेश करने के लिए दीर्घकालिक और अल्पकालिक ऋण तक पहुंच की सुविधा प्रदान की जाएगी।
किसानों को मिलेगा लाभ:
इस योजना से इन जिलों के 1.7 करोड़ किसानों को उनकी आय और समग्र कृषि स्थिरता में सुधार करके लाभ मिलने की उम्मीद है।
अन्य घोषणाएं:
- ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन कार्यक्रम: सरकार ने ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन कार्यक्रम की भी घोषणा की है। यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कौशल, निवेश और प्रौद्योगिकी अपनाने पर ध्यान केंद्रित करके कृषि में बेरोजगारी से निपटने के लिए बनाई गई है।
निष्कर्ष:
पीएम धन धन्य कृषि योजना एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य कम उत्पादकता वाले जिलों में कृषि को बढ़ावा देना है। इस योजना के माध्यम से किसानों की आय में सुधार होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि आएगी।
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