नीमकाथाना को जिला और सीकर को संभाग से हटाने का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। जनता का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। नीमकाथाना जिला बचाओ संघर्ष समिति की ओर से पिछले 15 दिनों से कलक्ट्रेट पर क्रमिक अनशन जारी है। सोमवार को रामलीला मैदान में आयोजित आक्रोश सभा में हजारों लोग जुटे और सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की।
सभा में सीकर सांसद अमराराम, विधायक सुरेश मोदी, पूर्व IAS केएल मीणा, दांतारामगढ़ विधायक वीरेंद्र सिंह, खेतड़ी के पूर्व विधायक दाताराम गुर्जर समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
सांसद अमराराम ने कहा, "नीमकाथाना जिले की मांग 1952 से चल रही थी, जिसे सरकार ने एक मिनट में खत्म कर दिया। अब सरकार को आंदोलन के माध्यम से झुकाने का प्रयास किया जाएगा।"
पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा, "नीमकाथाना को जिला बनाने के लिए काफी संघर्ष किया गया था। यह सरकार का अन्याय है।" उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने जिले का विरोध करने वालों को चुनाव में हराने का दुष्प्रचार किया।
विधायक सुरेश मोदी ने कहा, "अब न्याय के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा। विधानसभा का घेराव भी किया जाएगा।"
आक्रोश सभा के बाद प्रदर्शनकारियों ने रैली निकालकर कलक्ट्रेट पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान भाजपा कार्यालय के सामने नारे लगाए गए और वहां घुसने का प्रयास भी किया गया।
कलक्ट्रेट में प्रदर्शनकारियों और जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में नीमकाथाना को जिला बनाए रखने और सीकर को संभाग के रूप में यथावत रखने की मांग की गई।
नीमकाथाना की जनता अपने जिले को बचाने के लिए एकजुट होकर संघर्ष कर रही है। यह आंदोलन दिन-प्रतिदिन मजबूत हो रहा है और सरकार के सामने बड़ी चुनौती बन चुका है।
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